रामायण का संपूर्ण फल पाने का सरल मार्ग, सिर्फ एक काण्ड से बदलें अपनी तकदीर

punjabkesari.in Sunday, Apr 06, 2025 - 10:46 AM (IST)

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Ramayana: रामायण, जो कि महर्षि वाल्मीकि द्वारा रचित एक महान ग्रंथ है, हिंदू धर्म का एक अत्यंत महत्वपूर्ण ग्रंथ है। यह न केवल धार्मिक दृष्टि से बल्कि सांस्कृतिक नैतिक और समाजिक दृष्टि से भी अत्यधिक महत्वपूर्ण है। रामायण में भगवान श्रीराम के जीवन और उनके कर्तव्यों की कथा है, जो आज भी लाखों लोगों के जीवन में प्रेरणा का स्रोत है। रामायण के पाठ का महत्व अत्यधिक है लेकिन कई बार समय की कमी, शारीरिक असुविधा, या किसी अन्य कारण से व्यक्ति संपूर्ण रामायण का पाठ नहीं कर पाता। ऐसी स्थिति में, एक सरल उपाय है – रामायण के एक काण्ड का पाठ, जो संपूर्ण रामायण के फल का अनुभव कराता है।

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रामायण में कुल सात काण्ड होते हैं:

बालकाण्ड – श्रीराम के जन्म से लेकर उनका वनवास तक।

अयोध्याकाण्ड – श्रीराम के अयोध्या लौटने का प्रसंग।

अरण्यकाण्ड – श्रीराम का वनवास और रावण का अपहरण।

किष्किन्धाकाण्ड – सुग्रीव से मिलकर रावण से लड़ने का संकल्प।

सुंदरकाण्ड – हनुमानजी का श्रीराम की खोज में लंका जाना।

युद्धकाण्ड – रावण से युद्ध और श्रीराम का विजय।

उत्तरकाण्ड – श्रीराम का अयोध्या लौटना और उनका राज्याभिषेक।

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इन सात काण्डों में से प्रत्येक काण्ड का अपना विशेष महत्व है और यह जीवन के विभिन्न पहलुओं को उजागर करता है। हालांकि, यदि कोई व्यक्ति समय की कमी के कारण रामायण का संपूर्ण पाठ नहीं कर पा रहा है, तो उसे चिंता करने की कोई आवश्यकता नहीं है। सुंदरकाण्ड का पाठ करने से भी व्यक्ति को संपूर्ण रामायण का फल मिल सकता है।

सुंदरकाण्ड का महत्व
सुंदरकाण्ड रामायण का एक अत्यंत महत्वपूर्ण काण्ड है, जो भगवान श्रीराम के प्रति भक्तों की श्रद्धा और भक्ति को बढ़ाने वाला है। इस काण्ड में मुख्य रूप से भगवान हनुमान की महिमा और श्रीराम के प्रति उनकी निष्ठा का वर्णन किया गया है। हनुमान जी, जो कि भगवान श्रीराम के परम भक्त हैं, ने लंका जाकर माता सीता का पता लगाया और रावण से उनकी मुक्ति के लिए संघर्ष किया। उनके इस अद्वितीय साहस और निष्ठा का वर्णन सुंदरकाण्ड में किया गया है।

सुंदरकाण्ड के कई आध्यात्मिक और धार्मिक लाभ हैं, जिनसे व्यक्ति को न केवल जीवन में शांति मिलती है, बल्कि उसे भगवान श्रीराम की कृपा भी प्राप्त होती है। यह काण्ड विशेष रूप से भक्तों को आंतरिक शक्ति, साहस, और विश्वास से भर देता है। सुंदरकाण्ड का पाठ करने से न केवल शारीरिक और मानसिक समस्याओं का समाधान होता है, बल्कि यह व्यक्ति की आध्यात्मिक उन्नति के लिए भी अत्यधिक फायदेमंद है।

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Content Editor

Prachi Sharma

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