Ramayan: विदेश जाने के चाहवान, गांठ बांध ले श्री राम की ये बात

Tuesday, Apr 04, 2023 - 11:10 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

Ramayan: वर्तमान समय में न केवल युवा बल्कि हर वर्ग के लोग विदेश जाकर बसने की इच्छा रखते हैं। वहां का आकर्षण चुंबक की तरह उन्हें अपने मोहपाश में बांध लेता है। आप भी विदेश जाने के चाहवान हैं तो गांठ बांध ले श्री राम की ये बात-

1100  रुपए मूल्य की जन्म कुंडली मुफ्त में पाएं। अपनी जन्म तिथि अपने नाम, जन्म के समय और जन्म के स्थान के साथ हमें 96189-89025 पर व्हाट्सएप करें

भगवान श्री राम ने लक्ष्मण जी को आदेश दिया कि लंका जाकर विभीषण का राजतिलक सम्पन्न कराओ। लक्ष्मण लंका पहुंचे तो स्वर्ण नगरी की अनूठी शोभा तथा चमक-दमक ने उन्हें मोह लिया। लंका की वाटिका के तरह-तरह के सुगंधित पुष्पों को वह काफी समय निहारते रहे। विभीषण का विधिपूर्वक राजतिलक सम्पन्न कराने के बाद वे श्री राम के पास लौट आए। 

उन्होंने श्री राम के चरण दबाते हुए कहा, ‘‘महाराज लंका तो अत्यंत दिव्य सुंदर नगरी है। मन चाहता है कि मैं कुछ समय के लिए लंका में निवास करूं। आपकी आज्ञा की प्रतीक्षा है।’’

लक्ष्मण का लंका नगरी के प्रति आकर्षण देखकर श्री राम बोले, ‘‘लक्ष्मण यह ठीक है कि लंका सचमुच स्वर्ग पुरी के समान आकर्षक है, प्राकृतिक सुषमा से भरपूर है, किंतु यह ध्यान रखना कि अपनी मातृभूमि अयोध्या तो तीनों लोकों से कहीं अधिक सुंदर है। जहां मानव जन्म लेता है, वहां की मिट्टी की सुगंध की किसी से तुलना नहीं की जा सकती है।’’

अपि स्वर्णमयी लंका न मे लक्ष्मण रोचते। जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी।।

लक्ष्मण अपनी जन्मभूमि अयोध्या के महत्व को समझ गए। उन्होंने कहा, ‘‘प्रभु वास्तव में हमारी अयोध्या तीनों लोकों से न्यारी है।’’

 

Niyati Bhandari

Advertising