Ramayan: भाई से हुआ संपत्ति विवाद चुटकियों में सुलझाएं
Wednesday, Feb 16, 2022 - 03:00 PM (IST)
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इलाहाबाद में उच्च न्यायालय के एक वकील के निवास स्थान पर किसी नगर से एक व्यक्ति आया। वह अदालत में कोई मामला दायर करना चाहता था। वकील साहब ने उसे कमरे में ठहरा लिया।
सवेरे उस व्यक्ति ने त्रिवेणी स्नान किया तथा लौटकर पूजा में बैठ गया। राम चरित मानस का पाठ करते देखकर वकील साहब उसके पास कुर्सी पर आ बैठे। राम-भरत मिलाप का प्रसंग पढ़ते हुए वह व्यक्ति भाव-विभोर हो उठा। उसका गला रुंध गया। आंखों से अश्रु बहने लगे। वकील साहब उसकी इस भावना से बहुत प्रभावित हुए। उनकी आंखें भी सजल हो उठीं।
रामायण पाठ समाप्त हुआ तो वकील साहब ने कहा, ‘‘अब अपनी समस्या बताइए, आपको किस तरह का मामला अदालत में दायर करना है।’’
उसने बताया, ‘‘मेरे पिता ने हम दो भाइयों के बीच जमीन का बंटवारा कर दिया था। मेरे बड़े भाई ने मेरे हिस्से की भूमि में से एक गज ज्यादा भूमि पर कब्जा कर रखा है। उसी के विरुद्ध मामला दायर करने आया हूं।’’
वकील साहब ने उसे समझाया, ‘‘कुछ ही देर पहले तुम राम-भरत मिलाप का वर्णन पढ़ कर आंसू बहा रहे थे। अब थोड़ी-सी जमीन के लिए भाई पर मुकद्दमा करने अदालत में जाने की तैयारी कर रहे हो। क्या रामचरित मानस के पाठ से, भरत जी के राज्य ठुकराने की घटना से तुमने कोई शिक्षा ग्रहण नहीं की।’’
वकील साहब के इन वाक्यों ने छोटे भाई के हृदय को झकझोर डाला। उसने साथ लाए दस्तावेजों को अंगीठी में डाला तथा बोला, ‘‘अब तक मैं रामायण का पाठ ही करता रहा हूं, आज से उस पर अमल भी करूंगा।’’