Ramal Astrology: कुरा से जानें, कौन हैं आपके आराध्य देव और प्राप्त करें हर खुशी

Tuesday, Dec 06, 2022 - 07:39 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

Ramal Arabic Astrology: अरबी ज्योतिष में पासों, जिन्हें ‘कुरा’ कहते हैं, से बनने वाली आकृति के आधार पर आप जान सकते हैं कि आपके आराध्य देव कौन से हैं। इनकी साधना शीघ्र फलीभूत होती है और सुख-समृद्धि, सफलता इत्यादि भी जल्दी मिलती है। रमल (अरबी ज्योतिष) में जातक यानी प्रश्नकर्ता रमल ज्योतिष विद्वान से प्रश्न करें कि किस देवी-देवता की आराधना करें जिससे लाभ, शांति, पारिवारिक बढ़त, भौतिक, सम्पदा, धन-धान्य में वृद्धि, शांति, तथा संतान सुख प्राप्त हो। आराध्य देव की जानकारी के लिए पासे जिसे अरबी भाषा में ‘कुरा’ कहते हैं, किसी शुद्ध पवित्र स्थान पर डलवाए जाते हैं। यह सारी प्रक्रिया विद्वान के समक्ष होती है। अरबी ज्योतिष में किए गए सारे प्रश्न मय समाधान बिना कुंडली सेहल किए जाते हैं। अरबी ज्योतिष में 12 राशियां, नौ ग्रह और 27 नक्षत्र माने गए हैं। यह विधा 12 राशियों पर आधारित है, जिनका संबंध मूल सात ग्रहों से है। हर राशि का एक अधिष्ठाता देवता होता है।

1100  रुपए मूल्य की जन्म कुंडली मुफ्त में पाएं। अपनी जन्म तिथि अपने नाम, जन्म के समय और जन्म के स्थान के साथ हमें 96189-89025 पर व्हाट्सएप करें

How can I know my Ishta Devta: अरबी ज्योतिष के प्रस्तार के लग्न स्थान में यदि शक्ल (आकृति) ‘हमरा नकी’ हो जो मेष और वृश्चिक राशि से संबंध रखती है तो आपके आराध्य देव हनुमान जी होंगे। इनकी आराधना से शांति, लाभ, वैभव प्राप्त होगा व दुश्मन परास्त होकर नत मस्तक होंगे या शांत होकर घर बैठ जाएंगे।

यदि लग्न स्थान में शक्ल ‘अतवे दाखिल’ व ‘फरह’ हो जो वृष व तुला राशि को निर्धारित करती है, यह आकृति होने पर जातक को लक्ष्मी मां की आराधना से लाभ प्राप्ति होगी। मां लक्ष्मी की कृपा आप पर बनी रहेगी।

प्रस्तार के लग्न स्थान में शक्ल ‘इज्जतमा’ व ‘जमात’ हो, जो मिथुन व कन्या राशि की शक्ल से संबंधित है, तो जातक द्वारा विष्णु भगवान की आराधना करना श्रेष्ठकर रहेगा। इनकी आराधना करने से परिवार और संतान सुख व शांति मिलेगी।

यदि लग्न स्थान में शक्ल ‘ब्याज’ हो जो चंद्रमा ग्रह और कर्क राशि की शक्ल है, तो जातक द्वारा शिव भगवान की आराधना करना लाभकारी है। इनकी आराधना से धन-धान्य की पूर्ति के साथ यश मान मिलेगा। साथ ही ईश्वर की अदृश्य शक्ति की कृपा बराबर बनी रहेगी।

लग्न स्थान में शक्ल ‘कब्जूल दाखिल’, ‘नुस्तुल खारिज’ हो, जो सिंह राशि से संबंधित है, तो जातक द्वारा सूर्य देव व शिवजी महाराज की आराधना करना हितकर है।

लग्न स्थान में शक्ल ‘लहियान’, ‘नुस्तुल दाखिल’ हो जो धनु व मीन राशि से संबंधित है, तो जातक द्वारा श्रीराम, श्रीकृष्ण, नारायण देव की आराधना करना उपयोगी है। इनकी आराधना से संतान सुख, परिवार में सुख-शांति बराबर स्थायी तौर पर कायम रहेगी। परिवार में वंश वृद्धि नियमानुसार होती रहेगी।

लग्न स्थान में शक्ल ‘कब्जुल खारिज, अंकिश, उपला, अतवे खारिज शक्ल हो, जो कुंभ व मकर राशि से संबंधित है, तो जातक द्वारा शिवजी की आराधना करना हितकर है। इससे परिवार व कार्य में स्थाई तौर पर बरकत, वैभव-शांति मिलेगी।

Niyati Bhandari

Advertising