दुनिया के इन देशों में कुछ यूं मनाया जाता है रमज़ान का पाक महीना

Wednesday, May 29, 2019 - 12:14 PM (IST)

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जैसे कि सभी जानते हैं कि मुस्लिम धर्म का सबसे पाक कहे जाने वाला रमज़ान का पाक महीना चल रहा है। मुस्लिम समुदाय को लोगों के लिए रमज़ान का महीना सबसे पवित्र कहलाता है। मान्यता है जो भी इस दौरान अपना ज्यादा से ज्यादा समय अल्लाह की इबादत में लगाता है, वे उस पर ज़रूर मेहरबान होते हैं। बता दें कि रमज़ान किसी एक देश में नहीं बल्कि दुनियाभर के कई अलग-अलग हिस्सों में मनाया जाता है। जहां लोग रोज़े तो रखते हैं साथ ही धूम-धाम से इसका जशन मनाते हैं। तो चलिए जानते हैं कुछ ऐसे देशों के बारे में जहां रमज़ान के दौरान अलग ही तरह की धूम देखने को मिलती है। आपकी जानकारी के लिए बता दें रमज़ान इस्लाम के 5 अरकानों में से एक है। ये महीना 29 से 30 दिन तक चलता है, जिसमें रोज़े रखे जाते हैं, कुरान की तिलावत की जाती है, और गरीबों को ज़कात दी जाती है। बता दें मुस्लिम धर्म में दान को ज़कात कहा जाता है।

भारत-
सबसे पहले बात करते हैं कि भारत की जहां रमज़ान की रौनक देखते ही बनती है। बताया जाता है कि रमज़ान से पहले ही बाज़ारों में दुकाने सजनी शुरू हो जाती हैं। बड़ों से लेकर छोटे से छोटे  बच्चे तक इबादत में डूबे नज़र आते हैं। कहते हैं इन दिनों में मस्जिदों में नमाज़ियों की तदाद कई गुना बढ़ जाती है। यहां तक कि कई मुस्लिम इलाकों में दिन के समय खाने-पीने के होटल भी बंद कर दिए जाते हैं। लोग एक दूसरे को सहरी और इफ़्तारर की दावत देते हैं। नमाज़- कुरान की तिलावत करते हैं. वहीं, कुछ लोग रमजान शुरू होने की खुशी में एक दूसरे को उपहार के रूप में खज़ूर देते हैं। कहा जाता है रमज़ान के पूरे महीने भर में सहरीवाला या जोहरीदार के नाम से मशहूर लोग गली-मोहल्लों में आकर सहरी के लिए लोगों को जगाते हैं। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि सहरीवाला या जोहरीदार का रिवाज़ मुगलकाल से चला आ रहा है और आज भी भारत के कई शहर खासकर पुरानी दिल्ली में काफ़ी प्रचलित है।

इजिप्ट-
बाकि देशों की तरह इजिप्ट के लोगों के लिए भी रमज़ान का महीना सबसे महत्वपूर्ण महीनों में से एक होता है। यहां रमज़ान को लेकर कहा जाता है कि 'अगर आपने इजिप्ट के रमज़ान के महीने का जश्न नहीं देखा, तो आपने कोई जश्न ही नहीं देखा'। बताया जाता है कि हर साल इजिप्ट के लोग रमज़ान के पाक महीने का आगाज़ होने से चांद रात (रमज़ान की आखिरी रात) तक रंग-बिरंगे लालटेन जलाते हैं, जिसे एकता और प्यार का प्रतीक कहा जाता है। हालांकि, इजिप्ट में यह धार्मिक से ज्यादा सांस्कृतिक परंपरा है। इस परंपरा को लेकर यहां कई मान्यताएं प्रचलित हैं। रमज़ान के महीने में घर, सड़कों, मस्जिदों को लालटेन से सजाया जाता है। इसके अलावा हैसियतमंद लोग गरीबों में पैसे, खाने की चीजें आदि बांटते हैं और इबादत में रमजान का महीना गुजारते हैं।

अरब-
अरब देशों में रमज़ान का जश्न शाबान के महीने की 15वीं तारीख (शब-ए-बारात) से ही शुरू हो जाता है। यहां शब-ए-बारात के दिन बच्चे ट्रेडिशनल कपड़े पहनकर आस-पास के घरों में जाकर मेवा और मिठाइयां लेते हैं। मिठाइंया और मेवे लेते समय बच्चे बोलते जाते हैं आटोना अल्लाह यूटीकॉम, बायत मक्का युदीकुम (Aatona Allah Yutikom, Bait Makkah Yudikum) जिसका  मतलब होता है कि आप हमें दो अल्लाह आपको इसका फल देगा। अरब देशों में हर साल शब-ए-बारात के दिन नेशनल हॉलीडे होता है।

पाकिस्तान-
यहां रमादान यानि रमज़ान की रौनक देखने ही बनती है। अन्य देशों की तरह यहां भी रमज़ान के पूरे महीने दिन के समय में खाने-पीने के सभी होटल और दुकाने बंद रहती हैं। इतना ही नहीं बल्कि इस दौरान लोग टी.वी तक से दूरी बना लेते हैं और अपना सारा वक्त अल्लाह की इबादत में गुजारते हैं। बाजारों को रमज़ान के दौरान खासतौर पर सजाया जाता है लेकिन ये सजी हुई दुकानें केवल सुबह सहरी तक खुली रहती हैं। दिन की तरह ही पूरी रात यानि सहरी तक लोगों की चहल पहल देखन को मिलती है।

तुर्की-
अब बात करत हैं तुर्की की, जहां ऑटोमन एंपायर के समय से लेकर आज तक लोग ड्रम की आवाज़ सुनकर सहरी के लिए उठते हैं। बताया जाता है कि इस पाक महीने के दौरान आज भी तुर्की की सड़कों और गलियों में लगभग 2000 से ज्यादा ड्रम बजाने वाले घूमते हैं। यहां की सबसे खास बात यह है कि ड्रम बजाने वाले ऑटोमन एंपायर के लोगों की तरह ही ट्रेडिशनल कपड़े पहनकर लोगों को सहरी के लिए उठाते हैं। जिसके लिए लिए उन्हें पैसे मिलते हैं। यहां के लोगों का मानना है है कि इसके बदले अल्लाह उनके लिए कुछ अच्छा ज़रूर करेगा।

इराक-
यहां भी रमज़ान यानि रमादान का जश्न बहुत दिलचस्प तरीके से मनाया जाता है। यहां की मान्यताओं के अनुसार इराक में रोज़ा इफ़्तारी के बाद सभी पुरुष एक जगह इकट्ठे होकर Mheibes ( महबीस) गैम खेलते हैं। जानकारी के लिए बता दें, महबीस अरबी भाषा का शब्द है, जिसका मतलब 'रिंग' होता है। इस गैम में दो टीम होती हैं, जिसमें 40 से 250 लोग शामिल होते हैं। एक टीम दूसरी टीम से रिंग छुपाती है जिसमें एक टीम का मेंबर अपनी टीम के किसी दूसरे शख्स को रिंग पास करता है और दूसरी टीम को पहचानना होता है कि रिंग किस के पास है। रमज़ान के महीने में ये अनोखा गैम खेलने का रिवाज़ इराक में काफ़ी सदियों से चला आ रहा है।

Jyoti

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