Ramadan 2022 (13th april 2022): ये है आज का माह-ए-रमजान का समय

Wednesday, Apr 13, 2022 - 08:47 AM (IST)

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Ramadan 2022:  रमजान में रोजे रखना ईमान की बात

रमजान के पाक महीने में रोजा रखना ईमान की बात है। जो भी कायदे हैं उनके साथ ही रोजे रखने चाहिए। सबसे जरूरी बात यह है कि जो भी रोजे रखे ईमानदारी के साथ रोजे को अमल में लाए। रोजेदारों को रोजे के दौरान खाने के विषय में ख्याल नहीं लाने चाहिए। किसी अन्य व्यक्ति के विषय में बुरा नहीं सोचना चाहिए। ऐसा करने से रोजा रखना बेकार हो जाता है। रोजेदारों को दिन भर में पांच बार वक्त की नमाज पढ़नी होती है। सेहरी के बाद इफ्तारी तक कुछ भी खाना-पीना नहीं होता। ऐसा नहीं है कि बिना खाए-पिए रोजा रखा जाता है, बल्कि किसी भी तरह की बुरी बात से दूर रहना चाहिए। 

इफ्तार
6:45

 सेहरी
4:38

रमजान की फजीलतें
धूप के बावजूद रोजेदार अपनी इबादत में जुटे रहते हैं... माह-ए-रमजान रहमत व बरकत की बारिश का ऐसा महीना है जिसमें हर तरफ इबादत का सिलसिला चलता है। यह महीना भाईचारे और इंसानियत का पैगाम भी देता है। रोजा इंसान को इंसान से प्यार करना सिखाता है। भीषण गर्मी  के बावजूद रोजेदार  इबादत में जुटे रहते हैं। अल्लाह बंदों पर मेहरबान होता है गरीबों को बेहतर भोजन इस महीने मिल जाता है।

-बादल हुसैन 

अल्लाह रोजेदारों के गुनाह माफ करता है  रमजान बहुत ही मुकद्दस महीना है इस महीने जितना हो सके ज्यादा से ज्यादा अल्लाह के लिए नमाज कुरान और अपने गुनाहों की तौबा करते रहें। रहमत और बरकत के नजरिए से महीने को तीन हिस्सों में बांटा गया है।  अल्लाह अपने रोजेदार बंदों पर रहमतों की बारिश करता है। रोजेदारों के गुनाह माफ करता है और दोजख की आग से निजात पाने की इबादत का जरिया है। खुदा का हुक्म है कि रोजेदार अपनी हैसियत के अनुसार गरीबों की ज्यादा से ज्यादा मदद करें।  

-शाहरुख

Niyati Bhandari

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