Rama Navami: इन चौपाइयों का पाठ देगा मुंह मांगा वरदान

Thursday, Apr 11, 2019 - 01:09 PM (IST)

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चैत्र माह में पड़ने वाली नवमी के दिन नवरात्रि का समापन होता है और श्रीराम का जन्मोत्सव मनाया जाता है। नवमी के दिन पुनर्वसु नक्षत्र में और कर्क लग्न में मां कौशल्या जी की कोख से श्री हरी विष्णु ने श्रीराम के रुप में अवतार लिया था। सनातन संस्कृति के अनुसार वैसे तो प्रतिदिन भगवान राम के जीवन पर आधारित ग्रंथ श्रीरामचरितमानस का पाठ करना चाहिए, संभव न हो तो कम से कम रामनवमी के दिन इसे जरुर पढ़ें। उत्तर भारत में तो लगभग हर घर में रामायण का पाठ रोजाना होता है। इसमें वर्णित चौपाइयों को केवल शब्द न समझें, इनमें राम जी की विशेष कृपा है। जो आपको हर सुख और खुशी देने की सामर्थ्य रखती हैं। राम नवमी पर अवश्य करें इन चौपाइयों का पाठ और पाएं मुंह मांगा वरदान-

मनोकामना पूर्ति के लिए 108 बार करें इस चौपाई का जाप
कवन सो काज कठिन जग माही! 
जो नहीं होइ तात तुम पाहीं!!

इम्तिहान में सफलता की गारंटी है ये चौपाई
जेहि पर कृपा करहि जनु जा‍नी!कवि उर अजिर नचावहि बानी!!
मोरि सुधारिहि सो सब भांति!जासु कृपा नहि कृपा अघाति!!

इस चौपाई को पढ़ने वाला जिंदगी भर रहता है मालामाल
जे सकाम नर सुनहि जे गावहि! 
सुख संपत्ति नाना विधि पावहि!!

जॉब और करियर में मनचाही कामयाबी पाने के लिए प्रतिदिन इस चौपाई का एक माला जाप करें
जिमि सरिता सागर मंहु जाही!जद्यपि ताहि कामना नाहीं!! 
तिमि सुख संपत्ति बिनहि बोलाएं!धर्मशील पहिं जहि सुभाएं!!

लव या अरेंज मैरिज के लिए इस चौपाई का 108 बार जप करें
तब जन पाई बसिष्ठ आयसु ब्याह!
साज संवारि कै! मांडवी, श्रुतकी, रति, उर्मिला कुंअरि लई हंकारि कै!!

आलस्य को दूर भगाने के लिए पढ़ें ये चौपाई
हनुमान तेहि परसा कर पुनि कीन्ह प्रणाम!
राम काजु कीन्हें बिनु मोहि कहां विश्राम!!

कष्टों और दुःखों से छुटकारा पाने के लिए हर रोज ये चौपाई पढ़ें
दीन दयालु विरद संभारी! 
हरहु नाथ मम संकट भारी!!

ऋद्धि सिद्ध की इच्छा पूरी करती है ये चौपाई
साधक नाम जपहिं लय लाएं!
होहि सिद्धि अनिमादिक पाएं!!

गृह क्लेश से संबंधित हर समस्या का नाश करती है ये चौपाई
हरन कठिन कलि कलुष कलेसू! 
महामोह निसि दलन दिनेसू!!

दुश्मनों को मित्र बनाना हो या दांपत्य में चल रही तकरार का नाश करने में मदद करेगी ये चौपाई
सब नर करहि परस्पर प्रीति! 
चलहि स्वधर्म निरत श्रुति नीति!!

 


 

Niyati Bhandari

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