घर में है छोटा बच्चा तो इस साल ऐसे मनाएं श्री राम का जन्मोत्सव

Saturday, Apr 13, 2019 - 03:22 PM (IST)

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13 अप्रैल की सुबह 11:40 से शुरू होकर 14 अप्रैल की सुबह 9:36 तक देशभर में राम नवमी का पर्व मनाया जाएगा। वैसे तो हिंदू धर्म का ये त्यौहार अधिक महत्वपूर्ण है परंतु कहा जा रहा है कि इस बार की राम नवमी पर पुष्य नक्षत्र योग बन रहा है जिस कारण इसका महत्व और अधिक बढ़ रहा है। माना जा रहा है कि इस दौरान राम जी की पूजा बहुत फलदायी साबित हो सकती है। वहीं ज्योतिष के अनुसार जिन लोगों के घर में 6 माह से लेकर 1 साल तक का कोई छोटा बच्चा है तो आगे बताया जाने वाला उपाय खास उन्हीं के लिए हैं। क्योंकि इसे लेकर मान्यता है कि अगर इस उपाय को पूरी निष्ठा के साथ किया जाए तो बच्चा बड़ा होकर राम जी जैसा आज्ञाकारी, गुणवान सुसंस्कारी बन सकता है।

पौराणिक ग्रंथों की  मानें तो मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम का जन्म चैत्र मास की नवमी तिथि दोपहर 12 बजे के बाद हुआ था।

आइए जानते हैं इस उपाय के बारे में-
माना जा रहा है कि पुष्य नक्षत्र में पड़ रहा रामनवमी का ये पर्व बहुत ही शुभ माना जा रहा है। जिन घरों में 6 महीने से लेकर 1 साल तक का छोटा बच्चा है, तो उसे गंगाजल मिले जल से स्नान कराकर राम जी जैसे वस्त्र पहनाकर अच्छे से तैयार कर लें। हो सके तो बच्चे को रेशमी पितांबरी वस्त्र पहनाएं। इसके साथ ही एक पालने यानि झूले को फूलों से सजाकर तैयार कर लें।

अब आटे के 11, 21 या 108 दीपक बनाएं, इसमें बत्ती व घी या तेल डालकर इसे तैयार कर लें।

ध्यान रहे दीपकों को जलाते समय श्रीराम नाम का उच्चारण करें। दीपक जलाने के बाद ठीक राम रूपी बालक को झूले में डालकर वैदिक पद्दति से राम जी का विधि-वत जन्मोत्व मनाएं।

अनामिका अंगुली से बच्चे को चंदन या अष्टगंध का तिलक लगाएं और प्रार्थना करें कि बालक के आज्ञाकारी, गुणवान एवं संस्कारी होने की प्रार्थना करें।

बता दें कि कुछ ज्योतिष मान्यताओं के अनुसार पुष्य नक्षत्र योग 13 अप्रैल शनिवार से शुरू होकर 14 अप्रैल के सूर्योदय तक रहेगा ।

पूजन के बाद घर के लोग श्रीराम रामरक्षास्त्रोत, राम मंत्र, हनुमान चालीसा आदि का पाठ करें। फिर जलाए हुए दीपकों में से 5 दीपकों को एक थाली में लेकर- एक वहां रखें जहां राम रूपी बाल सोता हो, दूसरा घर के पूजा घर में रखें, तीसरा तिज़ोरी के सामने, चौथा बाहर तुलसी में और पांचवां घर की छत पर रखे दें। मान्यता है कि ऐसा करने से बालक को राम जी की कृपा से दिव्य वातावरण मिलता रहेगा। साथ ही घर में धन की कभी नहीं होगी, सुख-समृद्धि बनी रहेगी।

Jyoti

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