Ram Navami 2022: राम नवमी पर बनेगा त्रिवेणी संयोग, आप भी उठाएं लाभ

Sunday, Apr 10, 2022 - 07:35 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

2022 Rama Navami: सनातन धर्म में रामनवमी के त्यौहार का अपना ही एक विशेष महत्व है क्योंकि भगवान श्री राम ने मानव योनी में आकर एक ऐसा मर्यादा का आयाम स्थापित किया, जिससे कि एक मानव का समाज, घर-गृहस्थी इत्यादि बंधनों में बंधे रहने के साथ-साथ उन आयाम एवं व्यवहार का अनुसरण करना चाहिए ताकि मानव जीवन सफल हो सके। उन्होंने ऐसी मर्यादाएं स्थापित की जिस पर चलकर एक इन्सान सभी प्रकार के रिश्तों को निभाता हुआ और एक गृहस्थ जीवन को जीता हुआ भी एक संत समान सोच एवं व्यवहार में रहकर जीवन का अंतिम लक्ष्य मोक्ष को प्राप्त कर सकता है। हम मानव जाती के लिए मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम जी का एक विशेष स्थान है। इन्हीं मर्यादाओं का अनुसरण करने के लिए समय-समय पर श्रीराम से संबंधित कई प्रकार के त्यौहारों को मनाया जाता है। इन्हीं में से एक है रामनवमी, जो कि श्री राम जी के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। राजा दशरथ जी की चार पत्नियों में से माता कौशल्या के गर्भ से पैदा होने वाले पुत्र के रूप में प्रभु श्रीराम का जन्म जब हुआ उस दिन चैत्र महीने के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि थी। इसी कारण इस दिन को श्री राम जी के जन्मोत्सव के रूप में रामनवमी के दिन मनाया जाता है। रामनवमी का त्यौहार श्री राम जी के जन्मोत्सव के साथ-साथ इसलिए और विशेष हो जाता है क्योंकि इस दिन चैत्र नवरात्र पर्व का अंतिम दिन भी होता है। जिसे हर जगह पर बहुत ही खुशी के साथ मनाया जाता है। 

Happy Ram Navami 2022: हिन्दू धर्म के अनुसार कई पवित्र धार्मिक ग्रंथों में ईश्वर के इस संकल्प को मानव जाती के लिए एक वचन के रूप में लिखा गया है, जब-जब भी धरती पर अर्धम बढ़ेगा और धर्म का नाश होगा तब-तब मैं धरती पर अवतार लेकर धर्म की पुन: स्थापना करूंगा। इस प्रभु संकल्प को गीता के उपदेश में भी वर्णित किया गया है। हमारे धार्मिक ग्रंथों में यह वर्णन भी मिलता है कि ऋषि मुनियों ने अपने तपस्या के बल से युग को ही बदलकर रख दिया था। सबसे पहले सतयुग, द्वापरयुग, त्रेतायुग और फिर कलयुग का आगमन होना था परन्तु गौतम ऋषि ने अपने तपोबल से सतयुग, त्रेतायुग, द्वापरयुग और फिर कलयुग में परिवर्तित कर दिया था। इसका मतलब यह हुआ कि भगवान श्रीराम का अवतार जो कि श्री हरि विष्णु जी का सातवां अवतार माना जाता है वह त्रेता युग में अवतरित हुए, और भगवान श्री कृष्ण जो कि द्वापर में अवतरित हुए। इस प्रकार पहले श्री कृष्ण जी को अवतरित होना था और फिर श्री राम जी को परन्तु श्री गौतम ऋषि की तपस्या के प्रभाव ने युग को ही बदल दिया इसलिए कहा गया है कि - संत वचन पलटे नहीं पलट जाए ब्रह्मांड। 

Rama Navami shubh muhurat: रामनवमी का पर्व 10 अप्रैल 2022 को रविवार के दिन मनाया जायेगा। नवमी तिथि का आरम्भ प्रातः 1 बजकर 25 मिनट से लेकर और समापन अगले दिन प्रातः 3 बजकर 17 मिनट तक रहेगा। रामनवमी का शुभ मुहूर्त प्रातः 11 बजकर 6 मिनट से लेकर दोपहर 1 बजकर 39 मिनट तक रहेगा। 

Rama Navami puja vidhi: रामनवमी की पर्व की पूजा विधि
प्रातःकाल स्नान इत्यादि के पश्चात साफ-सुथरे वस्त्र पहनें और पूजा स्थल पर बैठें। श्री राम जी की प्रतिमा को षोडशोपचार से स्नान इत्यादि करवाएं। हो सके तो उनकी प्रतिमा को फूलों से सजे पालने में झुलाएं तत्पश्चात श्री राम जी से संबंधित विभिन्न प्रकार की गाथाओं का कीर्तन एवं मंत्रों का जाप करें एवं पूजा के दौरान तुलसी पत्र एवं कमल के फूलों का अवश्य प्रयोग करें। श्री राम रक्षा स्त्रोत का भी पाठ कर सकते हैं। इसके साथ-साथ श्री हनुमान जी की भी पूजा करें व यथाशक्ति फलों एवं खीर का प्रसाद भोग लगाकर वितरण करें। 

Is Ram Navami a good day: इस बार रामनवमी पर रवि पुष्य योग, सर्वार्थ सिद्धि योग व रवि योग का त्रिवेणी योग बन रहा है। यह तीनों के तीनों ही योग अति शुभ योग है। अगर आप इस दिन कोई प्रॉपर्टी खरीदना बेचना, वाहन इत्यादि की खरीदारी, कोई भी नया कार्य आरम्भ करना चाहते हैं तो उसके लिये यह बहुत ही उत्तम दिन है। 


Sanjay Dara Singh
AstroGem Scientist
LLB., Graduate Gemologist GIA (Gemological Institute of America), Astrology, Numerology and Vastu (SSM)

Niyati Bhandari

Advertising