राम लला के दर्शनों का इंतज़ार होने वाला है खत्म, इतने समय में तैयार हो जाएगा भव्य मंदिर

Saturday, Aug 22, 2020 - 12:47 PM (IST)

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बरसों से लोग अय़ोध्या में राम मंदिर के बनने का इंतज़ार कर रहे हैं। न केवल अयोध्या वासियों ही नहीं बल्कि देश का हर छोटा-बड़ा व्यक्ति राम मंदिर के सपने सजाए बैठा है। जो सपने अब पूरे होते दिखाई दे रहे हैं। जी हां, आखिरकार अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण शुरू हो गया है। बता दें 05 अगस्त को अयोध्या में स्थित श्री राम जन्म भूमि पर मंदिर के निर्माण कार्य को शुरू करने के लिए भव्य अयोजन के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा भूमि पूजन संपन्न किया गया। जिसके बाद अब सबको नज़रें राम मंदिर के निर्माण कार्य पर टिकी हैं कि कब इसका निर्माण कार्य पूरा होगा, और कब श्री राम लला अपने जन्म स्थल पर विराजमान होंगे। तो अगर आप के मन में भी यही सब बातें चल रही हैं, तो आइए आपको बताते हैं कि राम मंदिर का निर्माण कब तक पूरा हो सकता है, साथ ही साथ जानेंगे कि इससे जुड़ी अन्य तैयारियों के बारे में- 

खबरों की मानें तो कहा जा रहा है भगवान श्री राम मंदिर 35 से लेकर 40 महीने के अंतर्गत बनकर तैयार हो सकता है। इससे जुड़ी सबसे खास बात तो ये बताई जा रहे है कि मंदिर के संपूर्ण निर्माण कार्य में 1 ग्राम भी लोहा का प्रयोग नहीं किया जाएगा। बता दें इसके बारे में श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने जानकारी दी। उन्होंने ये भी बताया मंदिर की आयु कम से कम एक हजार वर्ष होगी। साथ ही उन्होंने बताया कि लार्सन एंड टूब्रो कंपनी, आइआइटी के इंजीनियरों की तकनीकी सहायता भी निर्माण कार्य में ली जा रही है। तो वहीं मंदिर स्थल से मिले अवशेषों के श्रद्धालु की दर्शन करवाए जा सकें, ऐसी व्यवस्था भी की जा रही है।

लगेंगी 10,000 तांबे की पत्तियां
चंपत राय ने बुधवार को विहिप मुख्यालय में प्रेस कांफ्रेंस के दौरान बताया कि ‘मंदिर निर्माण में पत्थरों का उपयोग होगा। पत्थरों की आयु के हिसाब से ही मंदिर की आयु का आकलन किया जा रहा है कि इसकी आयु 1 हजार वर्ष है। कहा जा रहा है कि निर्माण कंपनी लार्सन एंड टूब्रो ने योग्यतम लोगों को अपने साथ जोड़ा है। मिट्टी की गुणवत्ता आंकने के लिए कंपनी ने आइआइटी चेन्नई की सलाह ली है। 


जिस दौरान 60 मीटर गहराई तक की मिट्टी की जांच हुई। साथ ही इसका भी आकलन किया गया है कि भूकंप आएगा तो यहां की जमीन की मिट्टी उन तरंगों को कितना झेल पाएगी। आगे उन्होंने कहा कि राम मंदिर के निर्माण में एक ग्राम भी लोहे का प्रयोग नहीं किया जाएगा। बता दें राम मंदिर का एरिया करीबन 3 एकड़ का होगा। जिसके निर्माण में 10,000 तांबे की पत्तियां व रॉड का इस्तेमाल हो सकता है। 


प्रत्येक वर्ष 2 करोड़ लोग कर पाएंगे दर्शन
चंपत राय ने कहा कि सरकारी आंकड़ों के अनुसार मंदिर के बन जाने के बाद प्रत्येक साल में दो करोड़ लोग अयोध्या दर्शन कर पाएंगे। क्योंकि बताया जाता है हर वर्ष ये आकंड़ा अयोध्या के दर्शन करने आता है। यही कारण है किसरकार बस, रेल, हवाई जहाज आदि सुविधाओं के बारे में सोच रही है। साथ ही साथ हेलीकॉप्टर उतारने के लिए हवाई पट्टी भी बन सकती है।

Jyoti

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