Raksha bandhan muhurat 2022: ये है भाई को राखी बांधने का सबसे शुभ मुहूर्त और शास्त्रीय विधि

Thursday, Aug 04, 2022 - 10:01 AM (IST)

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Raksha Bandhan 2022: रक्षा बंधन का त्यौहार सावन महीने की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। यह पर्व भाई द्वारा बहन की रक्षा करने का प्रतीक ही नहीं बल्कि किसी की भी रक्षा करने के प्रण के रूप में समर्पित है।

Raksha Bandhan 2022 Date: वर्ष 2022 में सावन महीने की पूर्णिमा तिथि का आरम्भ 11 अगस्त को प्रातः 10 बजकर 38 मिनट पर होगा और समापन 12 अगस्त 2022 को 7 बजकर 5 मिनट पर होगा। इस पर्व पर आयुष्मान और सौभाग्य योग का आरम्भ हो रहा है। आयुष्मान योग दोपहर 3 बजकर 32 मिनट तक रहेगा और इसके तुरंत पश्चात ही सौभाग्य योग आरम्भ हो जाएगा, जो 12 अगस्त 2022 को प्रातः 11 बजकर 33 मिनट तक रहेगा। इसी के साथ-साथ शोभन योग के साथ घनिष्ठा नक्षत्र का भी शुभ संयोग है। इन दोनों योगों के दौरान किये गये कार्य लंबी अवधी तक फलदायी रहते हैं और भाग्य में बढ़ोतरी करने वाले होते हैं। इसी दिन भद्रा सांयकाल 5 बजकर 17 मिनट पर लगेगी जो कि 6 बजकर 18 मिनट तक रहेगी। इसके बाद मुख भद्रा लगेगा जो कि रात्रि 8 बजकर 51 मिनट तक रहेगी। 

Rakhi muhurat 2022 date and time: राखी बांधने का सबसे शुभ समय प्रातः 10 बजकर 38 मिनट से लेकर सांयकाल 5 बजकर 16 मिनट तक रहेगा। इसके बाद के समय में राखी नहीं बांधी जा सकती क्योंकि भद्रा व मुख भद्रा का समय आरम्भ हो जाएगा, जो कि अशुभ समय है। इस दौरान अभिजीत योग दोपहर 12 बजकर 6 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 57 मिनट तक रहेगा। जो कि रक्षा बंधन के लिए श्रेष्ठ समय है। 

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Raksha Bandhan Rakhi 2020 Puja Vidhi & Mantra: राखी बंधवाते समय बहनों को अपना मुख पश्चिम दिशा में रखना चाहिए और भाई का मुख पूर्व दिशा की तरफ होना चाहिए। सबसे पहले रक्षा सूत्र बांधते समय बहनों को इस मंत्र का जाप करना चाहिए - येन बद्धो बली राजा दानवेन्द्रो महाबलः, तेन त्वामनुबध्नामि रक्षे मांचल मांचल।

Raksha Bandhan: रक्षा सूत्र बंधवाते समय भाई के सिर पर किसी भी प्रकार का वस्त्र अवश्य होना चाहिए, राखी भाई के दाहिने हाथ की कलाई पर बांधनी चाहिए। बहने अपने भाई को टीका लगाकर चावल अंकित करें व घी की जोत से आरती उतारें और मिष्ठान खिलाकर उसके लिए भगवान से मंगलकामना करें। 

Sanjay Dara Singh
AstroGem Scientist
LLB., Graduate Gemologist GIA (Gemological Institute of America), Astrology, Numerology and Vastu (SSM)

 

Niyati Bhandari

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