Raksha Bandhan: क्या रक्षाबंधन के बाद आप भी कलाई से उतारकर फेंक देते हैं राखी ?

Thursday, Aug 31, 2023 - 10:22 AM (IST)

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Raksha Bandhan 2023: रक्षा बंधन बहन-भाई के अटूट प्यार का प्रतीक है। इस दिन बहनें अपने भाई की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधकर, उन्हें आर्शिवाद देती हैं। वहीं भाई अपनी बहन को जीवन भर रक्षा करने का वचन देता है। भाई-बहनों के प्यार को नजर से बचाने और इसे अटूट बनाने के लिए बहनें भाइयों की कलाई पर राखी बांधती हैं। रक्षा बंधन हर साल सावन महीने की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। इस साल यह तिथि 30 अगस्त को थी। इस साल पूर्णिमा तिथि के साथ भद्रा का साया भी रहेगा। ऐसे में राखी बांधने का शुभ मुहूर्त 30 और 31 अगस्त दोनों दिन था। भद्रा के साये में राखी बांधना शुभ नहीं माना जाता है। ज्योतिष की मानें तो प्रेम और रक्षा के वचन से जुड़े इस धागे का बड़ा मान होता है। रक्षाबंधन के बाद भाई को अपनी कलाई से राखी को उतारकर ऐसे ही नहीं फेंकना चाहिए। इसे शुभ नहीं माना जाता। जैसे भाई को राखी बांधने के लिए कुछ नियम निर्धारित किए गए हैं, वैसे ही राखी उतारते समय भी कुछ बातों का खास ध्यान रखना चाहिए।



What to do with rakhi after rakshabandhan रक्षाबंधन के बाद राखी का क्या करें
ज्योतिष के अनुसार रक्षाबंधन खत्म होने के बाद अगले दिन राखी को उतारकर ऐसी जगह पर रख दें, जहां आपकी और आपकी बहन से जुड़ी अन्य चीजें रखी होती हैं। जैसे जहां पर दोनों भाई-बहनों की तस्वीरें, खिलौने या कुछ और रखा होता है। इसे अगले साल के रक्षाबंधन तक सुरक्षित रखें। अगले साल के रक्षाबंधन पर इस राखी को किसी पवित्र जल में प्रवाहित कर दें।



What to do with broken rakhis टूटी हुई राखियों का क्या करें
अगर कलाई से उतारते समय राखी टूट जाए तो उसे संभालकर नहीं रखना चाहिए और न ही इसे इधर- उधर फेंकना चाहिए। उसे या तो पेंड़ के नीचे एक रुपये के सिक्के के साथ रख देना चाहिए या फिर किसी पावन जल में प्रवाहित कर देना सही रहता है।



Some rules regarding tying rakhi on brother's wrist भाई की कलाई पर राखी बांधने के संबंध में कुछ नियम
कभी भी बहनों को भाई की कलाई पर काले रंग की या फिर टूटी हुई राखी नहीं बांधनी चाहिए।
बहनों से राखी बंधवाते समय भाइयों को अपना सिर रुमाल से ढकना चाहिए।
भद्रा काल के समय कभी भी भाईयों की कलाई पर राखी नहीं बांधनी चाहिए।
राखी बांधते समय भाइयों को जमीन पर नहीं बल्कि किसी पीढ़े पर बैठना चाहिए।
राखी बांधते समय भाई का चेहरा उत्तर-पूर्व दिशा में होनी चाहिए और बहन का चेहरा दक्षिण-पश्चिम की दिशा में होना चाहिए।

 

Niyati Bhandari

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