Rakhi 2021: राखी बांधते समय करें इस मंत्र का जप

Wednesday, Aug 18, 2021 - 03:47 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
प्रत्येक वर्ष श्रावण मास की पूर्णिामा तिथि को रक्षा बंधन का त्यौहार पड़ता है। इस बार भाई बहन के प्रेम के प्रतीक का यह त्यौहार 22 अगस्त रविवार को पड़ रहा है। ज्योतिषियों के अनुसार इस बार राखी का यह पर्व सावन पूर्णिमा पर धनिष्ठा नक्षत्र के साथ मनाया जाएगा। जिसे सालों बाद आने वाला महासंयोग माना जा रहा है। ज्योतिषी का मानना है कि रक्षा बंधन का त्यौहार राजयोग में आ रहा है। जिस दौरान रक्षा बंधन पर भद्रा का साया नहीं रहेगा, जिसके कारण बहनें पूरे दिन भाईयों की कलाई पर राखी बांध सकेंगी। बता दें इस समय कुंभ राशि में गुरु की चाल वक्री रहेगी और इसके साथ चंद्रमा भी वहां मौजूद रहेगा। 

ज्योतिष शास्त्र बताते हैं राखी के पर्व में जितना जरूरी शुभ मुहूर्त आदि के बारे में जानना होता है, उतना ही आवश्यक होता है ये जानना कि राखी बांधते समय भाई बहन को किस दिशा में बैठना चाहिए। तथा राखी बांधते समय किस मंत्र का जप करना चाहिए। जी हां, आप सही समझ रहे हैं हम आपको आपकी इस आर्टिकल में इसी बारे में ही जानकारी देने जा रहे हैं। 


तो आइए जानते हैं राखी बांधते वक्त किस दिशा में मुंह करके बैठना चाहिए और कौनसा मंत्र बोलना चाहिए-

येन बद्धो बली राजा दानवेन्द्रो महाबल:।
तेन त्वां अभिबन्धामि रक्षे मा चल मा चल।।

वास्तु और ज्योतिष के अनुसार अगर बहन अपने भाई को राखी बांध रही है तो बहन को पश्‍चिम में मुख करके भाई के ललाट पर रोली, चंदन व अक्षत का तिलक लगाते हुए उपरोक्ति मंत्र का उच्चारण करना शुभ होता है।

धार्मिक शास्त्रों के मुताबिक रक्षा सूत्र बांधे जाते समय उपरोक्त मंत्र का जाप करने से अधिक फल मिलता है। भाई को पूर्वाभिमुख, पूर्व दिशा की ओर बिठाएं। बहन का मुंह पश्चिम दिशा की ओर होना चाहिए।

इसके बाद भाई के माथे पर टीका लगाकर दाहिने हाथ पर रक्षा सूत्र बांधे। रक्षा सूत्र बांधते समय उपरोक्त मंत्र का उच्चारण करें।

येन बद्धो बली राजा दानवेन्द्रो महाबल:।
तेन त्वां रक्षबन्धामि रक्षे मा चल मा चल ||

अगर आप शिष्य या शिष्या अपने किसी गुरु को बांध रहे हैं रक्षा सूत्र तो उपरोक्त मंत्र है। ध्यान से देखने पर दोनों मंत्रों में अंतर नजर आएगा।
 

Jyoti

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