...तो क्या सच में इस मंदिर में मूर्तियां करती हैं आपस में वार्तालाप?

Saturday, May 09, 2020 - 06:30 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
इस समय देश के लगभग मंदिर लॉकडाऊन के चलते बंद हैं, जिस कारण लोग अपने भगवान के दर्शनों को बेकरार हो रहे हैं। इसीलिए हम आपको आए दिन दुनिया भर में स्थित तमाम मंदिर आदि के बारे में बताते रहते हैं। इसी बीच आज हम आपको बताने वाले हैं एक बहुत ही अद्भुत मंदिर के बारे में जिससे जुड़ी ऐसी मान्यता प्रचलित है, जानकर कोई भी दो पल सोच में पड़ जाएं। जी हां, दरअसल मंदिर में स्थापित प्रतिमाओं को लेकर मान्यता है कि ये आपस में वार्तालाप करती हैं। पहली बार सुनने में कोई भी व्यक्ति शायद इस बात पर यकीन नहीं करेगा। इसलिए हम आपके लिए लाएं इस अद्भुत मंदिर से जुड़ी खास जानकारी-

आईए विस्तारपूर्वक जानते हैं मंदिर के बारे में- 
बताया जाता है बिहार राज्य के डुमरांव में एक प्राचीन मंदिर है जो यूं तो आम मंदिरों की तरह ही है, परंतु इस में एक ऐसी बात है जो बाकि के मंदिरों से थोड़ी अलग। दरअसल कहा जाता है इस मंदिर में साधारण श्रृद्धालुओं के अलावा तंत्र साधना के साधक भी अपनी तमाम प्रकार की मनोकामनाएं पूरी करने के लिए आते हैं। बता दें एक साथ इस मंदिर में, महामाया, महाविद्या दक्षिणेश्वरी राज राजेश्वरी त्रिपुर सुंदरी मां भगवती विराजमान हैं। इस मंदिर में खासकर नवरात्रि के दिनों हजारों की संख्या में भक्त आते हैं।

मूर्तियां करती हैं आपस में वार्तालाप?
लोक मत की मानें तो उक्त राज राजेश्वरी मां त्रिपुर सुंदरी मंदिर के बारे में विराजमान तीनों देवियों की मूर्तियां  एक दूसरे को बातें करती हैं। जी कहां जाता इनकी प्रतिमाओं से बोलने की आवाज़ें आती हैं। खासतौर पर आधी रात जब यहां कोई आता जाता नहीं है तो उन्हें यहां स्थापित निस्तब्ध निशा वाली मूर्तियों से बोलने की आवाज़ सुनाई पड़ती है। श्रद्धालु भक्तों का कहना है कि- स्पष्ट सुनाई देता है मानों निस्तब्ध निशा में मूर्तियां एक दूसरे से आपस में बातें कर रही हो।


उक्त मंदिर में मुख्य रूप से देवी माँ राज राजेश्वरी त्रिपुर सुंदरी के अलावा बंगलामुखी माता, तारा माता आदि महाविद्याओं के अलावा पांच भैरव- दत्तात्रेय भैरव, बटुक भैरव, अन्नपूर्णा भैरव, काल भैरव व मातंगी भैरव की प्रतिमा भी स्थापित हैं। इनके अलावा भी मंदिर में काली, त्रिपुर भैरवी, धुमावती, तारा, छिन्न मस्ता, षोड़सी, मातंगड़ी, कमला, उग्र तारा, भुवनेश्वरी आदि दस महाविद्याएं भी विराजमान है। इन्हीं के कारण खासकर यहां देश भर के कई तांत्रिकों का आना जाना साल भर लगा रहता है।

 

Jyoti

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