Rahu ketu Dosh: जानें, आपकी जिंदगी पर कितना असर डालते हैं राहु-केतु ?

Thursday, Mar 07, 2024 - 07:55 AM (IST)

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Rahu ketu Dosh: राहु-केतु एक छाया ग्रह हैं लेकिन इसके बावजूद भी इनके शुभ या अशुभ परिणाम हमें देखने को मिलते हैं। अब आप सोच रहे होंगे ऐसा क्यों होता है कि केतु के बुरे प्रभाव के कारण हमारे जीवन में दुखों की एंट्री हो जाती है ? राहु और केतु मिलकर हमारे जीवन को इतना प्रभावित कैसे करते हैं ? आज इसमें बात करेंगे राहु और केतु के बारे में कि ये किस तरह काम करते हैं और कैसा फल प्रदान करते हैं।

राहु और केतु को करम गति का प्लेनेट बोला जाता है। इसका मतलब हम पिछले जन्म के कौन से कर्म लेकर आए हैं, ये हमें केतु बताएंगे। ऐसे कौन से कर्म हैं जिनकी वजह से हमें जीवन में सफलता नहीं मिल पा रही है। कई बार ऐसा होता है कि बहुत दान-धर्म करने के बाद भी हमें इसका उचित फल नहीं मिल पाता है। अगर आप राहु और केतु को समझ लेते हैं तो इससे जुड़ी परेशानियां दूर हो जाएंगी।



How to identify Rahu and Ketu राहु और केतु को किस तरह पहचाने

राहु और केतु जिस भी ग्रहों की राशि में होते हैं। ये आपके कर्म गति को कण्ट्रोल करने वाले बन जाते हैं। सपोज करिए राहु गुरु की राशि मीन और धनु राशि में हैं। अब बर्थ चार्ट में जहां-जहां गुरु रहेंगे। वहां-वहां के फल आपको बहुत ज्यादा देखने को मिलेंगे। गुरु आपके मीन राशि में हैं और गुरु आपकी जन्म कुंडली में  दसवें घर में हैं। इसका मतलब बिना किसी मेहनत के आपको तरक्की नहीं मिलेगी।

 अब सोचिए राहु आपके वृश्चिक राशि में हैं और मंगल आपके लग्न में आ गए। इसका मतलब आपकी जन्म कुंडली में आपके जो राहु हैं न वो आपको बताते हैं कि जब तक आप खुद जिम्मेदारी नहीं लेंगे तब तक आपके जीवन की परेशानियां दूर नहीं होंगी।



राहु जन्म कुंडली में हैं लेने के कारक। जिनकी कुंडली में ये हावी होते हैं न उनके जीवन में ये सोच बहुत ज्यादा हावी हो सकती है कि सामने वाले से क्या ले लिया जाए। जिनका राहु खराब होता है वो लोग हमेशा छीनने और झपटने की कोशिश करते हैं। इस वजह से ऐसे लोगों को शारीरिक से लेकर मानसिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है। अब बात करें केतु की तो केतु देने के कारक हैं केतु बिना बात के लेट गो कर देते हैं। इसक मतलब अपने ऐसे कई लोग देखे होंगे जो कभी अपना हक़ नहीं मांगते और अपना हिस्सा भी छोड़ देते हैं। कई लोग अपने ही पैसे मांगने में घबराते हैं। इसका मतलब आपके केतु में खराबी है। ऐसे लोग अपना हिस्सा दूसरों को दे कर बहुत खुश होते हैं। ये केतु के कमजोर होते की निशानी होती है। राहु जब बिगड़ जाएंगे तो होने वाले घटनाक्रम को अचानक से लेकर आएँगे।

केतु वाले लोग अपना ज्यादा समय पूजा-पाठ में बिताते हैं। घर में जब राहु और केतु खराब होते हैं तो घर की छते खराब होनी शुरू हो जाती हैं। इनके ऊपर बहुत ज्यादा कबाड़ जमा होना शुरू हो जाता है। राहु खराब होने पर आपके घर के अंदर क्लेश का वातावरण बना रहता है। इस घर की महिलाएं या तो क्लेश करना शुरू कर देंगी या फिर बीमार हो जाएंगी। जिस घर में राहु खराब होता है उस घर में सीलन या घुटन महसूस होने लगती है। राहु उन घरों के खराब होते हैं, जिनके घर की चारो दीवारी बराबर नहीं होती हैं।



जिस घर के केतु खराब होते हैं, उन घरों में फर्श और दीवारों में दरारे होती हैं। ऐसे घरों में दरवाजे जमीन के साथ लग के खुलते हैं। केतु की सबसे बड़ी निशानी यह होती है कि उस घर में हेड अपनी जिम्मेदारी को नहीं समझते हैं। राहु और केतु जिस राशि में बैठे हैं उनको सही रखिए।

राहु और केतु को सही करने के लिए इस बात का ध्यान रखें कि किसी भी तरह का धुआं घर में एक साथ इकट्ठा न हो। इससे राहु खराब नहीं होते हैं। एक दम से रिएक्शन दे देना ये आपके राहु को खराब करता है। केतु को खराब होने से बचाने के लिए लेट जो तो बढ़ाइए लेकिन अपने हक़ को किसी को न दें। किसी भी चीज को मांगने से झिझकना आपके केतु को खराब करता है।

Prachi Sharma

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