Dera Beas- राधास्वामी सत्संग ब्यास निभा रहा है सेवा और प्रेम का संगम

Monday, May 31, 2021 - 10:25 AM (IST)

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Radhaswami Satsang Beas: आज जहां करोना महामारी से लोगों को बचाने के लिए सरकारें अपना कार्य कर रही हैं वहीं ‘राधास्वामी सत्संग’ ब्यास भी इसमें सहायता कर रहा है। ‘राधास्वामी सत्संग’ का मुख्य केन्द्र डेरा बाबा जैमल सिंह, ब्यास जिला अमृतसर में है। बाबा गुरिन्द्र सिंह ढिल्लों वर्तमान गुरु और संस्था प्रमुख हैं। ‘राधास्वामी सत्संग’ के अनुयायी तथा सत्संग केंद्र देश-विदेश में फैले हैं। राधास्वामी मत का आधार ‘सेवा और सुमरिन’ है। बाबा गुरिन्द्र सिंह ढिल्लों जी फरमाते हैं, ‘‘सेवा से हमारे मन में नम्रता आती है।’’ 

‘राधास्वामी सत्संग’ के अनुयायी (सेवादार) विभिन्न सेवा कार्यों में हिस्सा लेते हैं। यह संस्था 4 अस्पताल चला रही है जहां इलाज मुफ्त होता है। एक अस्पताल डेरे में, एक ब्यास में, एक भोटा  (हिमाचल) व एक सिकन्दरपुर (हरियाणा) में है, जहां प्रतिवर्ष लगभग 16 लाख ओ.पी.डी. तथा 37,000 भर्ती होकर और दिल्ली सैंटरों में 2.16 लाख जरूरतमंद इलाज व दवाएं प्राप्त करते हैं। 

अंगदान को बढ़ावा देने के लिए ‘अंगदान सूचना केन्द्र’ भी बनाया है, जहां सालाना करीब 5,000 लोग अंगदान का संकल्प लेते हैं।  
प्राकृतिक आपदाओं में भी यह संस्था राहत कार्यों में अग्रणी है। गुजरात (2001) और कुपवाड़ा (2005) के भूकम्पों, लेह (2010) की बाढ़ और नेपाल (2015) के भूकम्प के बाद संस्था ने बड़े पैमाने पर पीड़ितों की सहायता की। 

कोरोना के कारण गत वर्ष मार्च से संस्था द्वारा अपने सब सत्संग रद्द करके कुछ सत्संग घरों को आश्रय स्थलों में बदल कर सब तरह की सुविधाएं दी गई हैं। दिल्ली में 10,000 बिस्तरों, नागपुर में 5000 बिस्तरों, उल्हास नगर में 1000 बिस्तरों, मुम्बई में 300 बिस्तरों वाले कोविड केंद्र तैयार किए गए। इसी प्रकार दूसरी लहर के दौरान कुल 57 स्थानों पर कोविड केंद्र बनाए जा रहे हैं। 
संस्था सत्संग घरोंं में कोविड टीकाकरण अभियान भी चला रही है, जहां आने वालों को चाय-पानी, व्हील चेयर, रजिस्ट्रेश्न आदि सुविधाएं दी जा रही हैं। 

एक बार सतगुरु हजूर चरण सिंह जी ने कहा था, ‘‘हमें इलाज करवाने आए लोगों का धन्यवाद करना चाहिए जिनके कारण हमें उनकी सेवा करने का मौका मिला है।’’  

Niyati Bhandari

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