Radha Ashtami 2019: जानें, किसके साथ हुआ था राधारानी का विवाह

Thursday, Sep 05, 2019 - 12:01 PM (IST)

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भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को राधा रानी का जन्मोत्सव मनाया जाता है, जोकि इस बार कल यानि 06 सितंबर को मनाया जाएगा। इस दिन लोग राधा रानी को प्रसन्न करने और उनकी कृपा के लिए व्रत भी रखते हैं। कुछ तो दोपहर 12 बजे तक ही व्रत करते है तो कुछ पूरा दिन निर्जल रख कर राधा जी को प्रसन्न करके उनकी कृपा को प्राप्त करते हैं। इतना तो सब जानते ही हैं कि श्री कृष्ण की प्राणप्रिया राधा जी ही हैं। तो इस दिन कृष्ण राधा दोनों की आराधना व पूजन करना चाहिए। ब्रह्म वैवर्त पुराण के अनुसार राधाजी भी श्री कृष्ण की तरह ही अनादि और अजन्मी हैं। चलिए जानते हैं इसको विस्तार से और इसके साथ ये भी जानते हैं कि उनका विवाह किसके साथ हुआ और कैसे हुआ।  

राधा जी बृज में वृषभानु जी की कन्या थी। उनका जन्म माता के गर्भ से नहीं हुआ बल्कि माता कीर्ति ने अपने गर्भ में 'वायु' को धारण कर रखा था और योगमाया की प्रेरणा से कीर्ति ने वायु को जन्म दिया। वायु के जन्म के साथ ही वहां राधा कन्या के रूप में प्रकट हो गईं। इस कारण श्री राधा रानी को देवी अयोनिजा भी कहा जाता है । जब वह बारह वर्ष की हो गई तो उनके माता-पिता ने 'रायाण' वैश्य के साथ उनका विवाह तय कर दिया था।

उस समय श्री राधा घर में अपनी छाया को स्थापित करके स्वयं अंतर्धयान हो गईं। उस छाया के साथ ही उक्त 'रायाण' का विवाह हुआ । शास्त्रों के अनुसार ब्रह्माजी ने पुण्यमय वृन्दावन में श्री कृष्ण के साथ साक्षात राधा का विधिपूर्वक विवाह संपन्न कराया था। बृज में आज भी माना जाता है कि राधा के बिना कृष्ण अधूरे हैं और कृष्ण बिना श्री राधा। धार्मिक पुराणों के अनुसार राधा और कृष्ण की ही पूजा का विधान है।

Lata

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