Panchak: आरंभ हो गया है पंचक, 3 अक्टूबर तक रहें सावधान

Monday, Sep 28, 2020 - 08:14 AM (IST)

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Panchak september 2020: शास्त्रानुसार जब चंद्रमा कुंभ व मीन राशि में भ्रमण कर अंतिम पांच नक्षत्रों धनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वाभाद्रपद, उत्तराभाद्रपद व रेवती में होता है तो उस अवधि को पंचक कहते हैं। ज्योतिषशास्त्र में पंचक को मंगलसूचक नहीं माना जाता। पंचक के मात्र नाकारात्मक प्रभाव नहीं होते परंतु उसके सकारात्मक प्रभाव भी हैं। शुभ कार्यों, खास तौर पर देव पूजन में पंचक का विचार नहीं किया जाता। अत: पंचक के दौरान पूजा-पाठ अनुष्ठान या धार्मिक क्रिया-कलाप किए जा सकते हैं।

आज सुबह 09:41:26 पर पंचक का आरंभ होगा। जो 3 अक्टूबर 08:50:53 तक रहेगी।



पंचक में कुछ कार्य विशेष रूप से निषिद्ध कहे गए हैं-
पंचकों में शव का क्रियाकर्म करना निषिद्ध है क्योकि पंचक में शव का अंतिम संस्कार करने पर कुटुंब या पड़ोस में पांच लोगों की मृत्यु हो सकती है।

पंचकों के पांच दिनों में दक्षिण दिशा की यात्रा वर्जित कही गई है क्योंकि दक्षिण मृत्यु के देव यम की दिशा मानी गई है।

चर संज्ञक धनिष्ठा नक्षत्र में अग्नि का भय रहने के कारण घास लकड़ी ईंधन इकट्ठा नहीं करना चाहिए।

मृदु संज्ञक रेवती नक्षत्र में घर की छत डालना धन हानि व क्लेश कराने वाला होता है।

पंचकों के पांच दिनों में चारपाई नहीं बनवानी चाहिए।


पंचक दोष दूर करने के उपाय-
लकड़ी का समान खरीदना अनिवार्य होने पर गायत्री यज्ञ करें।

दक्षिण दिशा की यात्रा अनिवार्य हो तो हनुमान मंदिर में पांच फल चढ़ाएं।

मकान पर छत डलवाना अनिवार्य हो तो मजदूरों को मिठाई खिलाने के पश्चात छत डलवाएं।

पलंग या चारपाई बनवानी अनिवार्य हो तो पंचक समाप्ति के बाद ही इस्तेमाल करें।

शव का क्रियाकर्म करना अनिवार्य होने पर शव दाह करते समय कुशा के पंच पुतले बनाकर चिता के साथ जलाएं। 

Niyati Bhandari

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