महाभारत काल में पुरुषपुर और तक्षशिला थे गांधार देश के दो प्रमुख राज्य

Thursday, Apr 29, 2021 - 04:45 PM (IST)

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महाभारत के मुख्य काव्य में गंधार राज्य का वर्णन पढ़ने को मिलता है। इसमें किए उल्लेख के अनुसार गंधार का अर्थ सुगंध होता है। धृतराष्ट्र की पत्नी गांधारी गांधार देश के राजा "सुबल" की पुत्री थी। गांधार देश के राजा की कन्या होने के कारण है ही गांधारी कहा जाता था। ये धृतराष्टी की पत्नी व दुर्योधन व कौरवों की माता थी। मगर आपको बता दें आज हम इनसे जुडे किसी रहस्य या किसी अन्य पात्र के बारे में जानकारी नहीं देने जा रहे। दरअसल आज हम आपको बताने जा रहे हैं गांधार देश के दो प्रमुख शहरों के बारे में। शास्त्रों के अनुसार गांधार महाजनपद के प्रमुख नगर थे- पुरुषपुर (पेशावर), अभिसार, बामियान और तक्षशिला आदि। बहुत कम लोग जानते हैं कि वर्तमान के पाकिस्तान का पश्चिमी तथा अफगानिस्तान का पूर्वी क्षेत्र उस काल में भारत का गंधार प्रदेश था। तो वहीं इस क्षेत्र के दक्षिण में स्थित था कंदहार। बुद्ध तथा पूर्व-बुद्धकाल में गंधार उत्तरी भारत के 16 जनपदों में परिगणित था। सिकंदर के भारत पर आक्रमण के समय गंधार में कई छोटी-छोटी रियासतें थीं, जैसे अभिसार, तक्षशिला आदि।

7वीं शती जब मोहम्बद बिन कासिक का सिंध और बलूचिस्तान पर आक्रमण के दौरान गंधार के अनेक भागों में बौद्ध धर्म काफी उन्नत स्थित में था और यहां हिन्दूशाही के राजा राज करते थे। तो वहीं 8वीं-9वीं सदी में मुस्लिम खलिफाओं के अभियानों के चलते धीरे-धीरे यह देश उन्हीं के राजनीतिक तथा धार्मिक प्रभाव में आ गया। जिसे 870 ई. में अरब सेनापति याकूब एलेस ने अपने अधिकार में कर लिया था। इसके अलावा पुरुषपुर (आधुनिक पेशावर) तथा तक्षशिला इसकी राजधानी थी। इसका अस्तित्व 600 ईसा पूर्व से 11वीं सदी तक रहा। कुषाण शासकों के दौरान यहां बौद्ध धर्म बहुत फला फूला पर बाद में मुस्लिम आक्रमण के कारण इसका पतन हो गया। पुरुषपुर को पहले पौरुषपुर भी कहा जाता था, इसे यह पुरुओं का क्षेत्र माना जाता था। ऋग्वेद में गंधार के निवासियों को गंधारी कहा गया है तथा उनकी भेड़ो के ऊन को सराहा गया है और अथर्ववेद में गंधारियों का मूजवतों के साथ उल्लेख है।

Jyoti

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