पितृ पक्ष 2019: Pregnant महिलाएं भूलकर न करें इनमें से 1 भी काम नहीं तो...

Tuesday, Sep 24, 2019 - 02:01 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ 
गर्भावस्था एक ऐसी अवस्था होती है जिसमें हर लड़की को बहुत ही सावधानी से रहना पड़ता है। ऐसा इसलिए क्योंकि इस दौरान एक महिला जो भी करती हैं उसका पूरा प्रभाव गर्भ में पल रहे शिशु पर पड़ता है। यही कारण है कि गर्भवती महिलाओं के लिए बहुत से नियम बनाएं गएं हैं। जो ने केवल लोक मान्यताओं पर आधारित हैं बल्कि हमारे हिंदू धर्म से जुड़े कई शास्त्रों में इनका उल्लेख पढ़ने को मिलता है। जैसे कि आप सब जानते हैं पितृ पक्ष चल रहा है। इस दौरान हर कोई अपने पितरों का तर्पण करता है। पितृ पक्ष से जुड़े बहुत से नियम बताए गए हैं जिनका पालन करना हर किसी के लिए ज़रूरी होती मगर गर्भवती महिलाओं के लिए कुछ खास व अलग नियम बनाए गए हैं। आइए जानते हैं क्या है वो नियम-

वास्तु शास्त्र के अनुसार पितृ पक्ष के चलते पितृ पक्ष पर गर्भवती महिलाओं को एकांत स्थान और घने जंगल में कतई नहीं जाना चाहिए। अगर किसी कारण वश जाना भी पड़े तो अपने साथ किसी न किसी को अवश्य लेकर जाएं। क्योंकि ऐसे स्थान पर नकारात्मक शक्तियों का प्रवास होता है। जो गर्भवती महिला और उसके होने वाले शिशु को नुकसान पहुंचा सकती हैं।

लगभग प्रत्येक महिला को सजने-संवरने का बहुत शौक होती है मगर कहा जाता पितृ पक्ष के दौरान खास करके गर्भवती महिलाओं को पितृ पक्ष के दिनों में अधिक श्रृंगार और इत्र लगाकर इधर-उधर नहीं घूमना चाहिए। क्योंकि ऐसा करने से होने वाले शिशु को परेशानी हो सकती है।

पितृ पक्ष में गर्भवती महिलाओं को श्मशान घाट के पास से नहीं गुजरना चाहिए। क्योंकि इस समय पितरों के साथ-साथ कई बूरी आत्माएं भी पृथ्वी पर आ जाती हैं। जिनकी छाया पड़ने से गर्भ में पलने वाले शिशु पर इसका दुष्प्रभाव पड़ सकता है।

इसके अलावा पितृ पक्ष में किसी भी गर्भवती महिला को रात्रि के समय में अकेले बाहर बिल्कुल भी नहीं जाना चाहिए क्योंकि इस समय बुरी शक्तियों का प्रभाव अत्याधिक बढ़ जाता है।

इस दौरान गर्भवती महिलाओं को किसी भी प्रकार से अपने पितरों का अपमान नहीं करना चाहिए। कहा जाता है ऐसा करने से पितर रुष्ट हो जाते हैं और आपको दंडित कर सकते हैं।

पितृ पक्ष में प्रेग्नेंट महिलाओं को किसी भी प्रकार से मासाहार का प्रयोग नहीं करना चाहिए क्योंकि ऐसा करने से आपके पितर रूष्ट होते हैं। जिससे आप पर बुरी शक्तियों का प्रभाव बढ़ सकता है।

गर्भवती को पितृ पक्ष में कोई भी ऐसा काम नहीं करना चाहिए जो शास्त्रों में करना वर्जित हो। क्योंकि ऐसा कहा जाता है पितृ पक्ष में साक्षात पितृ हमारे आस पास होते हैं।

गर्भवती महिलाओं को पितृ पक्ष में शरीरीक संबंध बनाने से बचना चाहिए नहीं तो होने वाला शिशु अस्वस्थ पैदा होने की संभवनाएं बढ़ जाती हैं।

गर्भवती महिलाओं को पितृ पक्ष में गाय, कुत्ते और कौए को नहीं मारना चाहिए। क्योंकि ऐसी मान्यता है कि इस समय हमारे पितर इन रूपों में आकर हम से श्राद्ध का भोजन मांगते हैं और अगर आप ऐसा करती हैं तो आपको पितरों का श्राप मिलेगा। इसके अलावा पितृ पक्ष में गर्भवती महिलाएं किसी ब्राह्मण या निर्धन व्यक्ति का भी अपमान न करें। क्योंकि ऐसा करने से आपके पितर श्राप तो मिलता है जिस कारण आपको अनेकों कष्टों का सामना करना पड़ता है।

 

Jyoti

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