अनमोल वचन: सच की विजय देर से होती है

Saturday, Jan 27, 2018 - 02:24 PM (IST)

प्रभु श्री राम जी कहते हैं-रामेश्वर में मेरे बनाए सेतु के दर्शन करने वाला संसार सागर से तर जाएगा। भगवान शंकर जी की कृपा उस पर सदैव बनी रहेगी। —विजय शंकर 

सामग्री आवश्यक नहीं, प्रेमपूर्वक बोलकर भी अतिथि का सत्कार करना पर्याप्त है।  —हितोपदेश 

यहां हर किसी को दरारों में झांकने की आदत है, दरवाजे खोल दो तो कोई पूछने नहीं आएगा।

ऐसी कोई भी वस्तु नहीं जो अभ्यास से प्राप्त न हो सकती हो। —संत ज्ञानेश्वर 

पैसे से दुख कभी खरीदा नहीं जाता और दुख का कोई खरीदार नहीं होता।

हम दबाव में अनुशासन नहीं सीख सकते।  —महात्मा गांधी

अन्याय की बुनियाद पर स्थापित राज्य कभी नहीं टिकता।    —सेनेका 

क्रूरता एवं दुर्बलताओं से ही समस्त अत्याचार जन्म लेते हैं।  —सेनेका 

अनमोल वचन: सच की विजय देर से होती है

प्रभु श्री राम जी कहते हैं-रामेश्वर में मेरे बनाए सेतु के दर्शन करने वाला संसार सागर से तर जाएगा। भगवान शंकर जी की कृपा उस पर सदैव बनी रहेगी।  —विजय शंकर 

सामग्री आवश्यक नहीं, प्रेमपूर्वक बोलकर भी अतिथि का सत्कार करना पर्याप्त है। —हितोपदेश 

यहां हर किसी को दरारों में झांकने की आदत है, दरवाजे खोल दो तो कोई पूछने नहीं आएगा।

ऐसी कोई भी वस्तु नहीं जो अभ्यास से प्राप्त न हो सकती हो। —संत ज्ञानेश्वर 

पैसे से दुख कभी खरीदा नहीं जाता और दुख का कोई खरीदार नहीं होता।

हम दबाव में अनुशासन नहीं सीख सकते।  —महात्मा गांधी

अन्याय की बुनियाद पर स्थापित राज्य कभी नहीं टिकता।    —सेनेका 

क्रूरता एवं दुर्बलताओं से ही समस्त अत्याचार जन्म लेते हैं।  —सेनेका 

अनमोल विचार : सच की विजय देर से होती है। - गीता 

इसलिए तो बच्चों पर नूर-सा बरसता है, शरारतें करते हैं, साजिशें नहीं करते।

महंगी से महंगी घड़ी पहन कर देख लो, वक्त फिर भी व्यक्ति के हिसाब से नहीं चलता। —कृष्ण सेठी, जालंधर
 

मन के शीशे को पहले साफ कर लो, फिर तुम्हारे विचार शुद्ध-पवित्र हो जाएंगे तब प्रभु भक्ति में आपका मन लगने लग जाएगा। —संत सुभाष शास्त्री

अपने भीतर जो दायरा बना कर बैठे हो-उस दायरे से बाहर निकलो। अपने भीतर उत्साह को जाग्रत करो। परिश्रम कर के आगे बढ़ो। —श्री-श्री रविशंकर 

सुंदरता तब ही अच्छी लगती है जब मन के भाव भी शुद्ध पवित्र हों। आपके मन के भाव ही आपके चेहरे पर झलकते हैं। हमारा चेहरा बोलता है। —रामानुजाचार्य 

हम अपने शत्रु का कभी भला नहीं सोचते-भगवान श्री राम जी के पास उनके शत्रु का भाई विभीषण शरण में आया तो भगवान ने उसे अपने गले लगा लिया। —संत मोरारी बापू 

संतों के दर्शन करो-सत्संग में जाया करो। बड़े बुजुर्गों का सत्कार करो उनसे आशीर्वाद लो। हंस बन जाओगे।  —अतुल कृष्ण भारद्वाज 

आलसी व्यक्ति नाली के कीड़े की तरह वासना, भोग के सुख को ही जीवन का लक्ष्य मानता है। आलसी व्यक्ति जीवन में कभी आगे नहीं बढ़ सकता।  —डा. रामचरण महेंद्र —अमरनाथ भल्ला, लुधियाना

इसलिए तो बच्चों पर नूर-सा बरसता है, शरारतें करते हैं, साजिशें नहीं करते।

महंगी से महंगी घड़ी पहन कर देख लो, वक्त फिर भी व्यक्ति के हिसाब से नहीं चलता। —कृष्ण सेठी, जालंधर

मन के शीशे को पहले साफ कर लो, फिर तुम्हारे विचार शुद्ध-पवित्र हो जाएंगे तब प्रभु भक्ति में आपका मन लगने लग जाएगा। —संत सुभाष शास्त्री

अपने भीतर जो दायरा बना कर बैठे हो-उस दायरे से बाहर निकलो। अपने भीतर उत्साह को जाग्रत करो। परिश्रम कर के आगे बढ़ो।  —श्री-श्री रविशंकर 

सुंदरता तब ही अच्छी लगती है जब मन के भाव भी शुद्ध पवित्र हों। आपके मन के भाव ही आपके चेहरे पर झलकते हैं। हमारा चेहरा बोलता है।  —रामानुजाचार्य 

हम अपने शत्रु का कभी भला नहीं सोचते-भगवान श्री राम जी के पास उनके शत्रु का भाई विभीषण शरण में आया तो भगवान ने उसे अपने गले लगा लिया। —संत मोरारी बापू 

संतों के दर्शन करो-सत्संग में जाया करो। बड़े बुजुर्गों का सत्कार करो उनसे आशीर्वाद लो। हंस बन जाओगे। —अतुल कृष्ण भारद्वाज 

आलसी व्यक्ति नाली के कीड़े की तरह वासना, भोग के सुख को ही जीवन का लक्ष्य मानता है। आलसी व्यक्ति जीवन में कभी आगे नहीं बढ़ सकता। —डा. रामचरण महेंद्र —अमरनाथ भल्ला, लुधियाना

Anil salwan

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