2019 का आखिरी ग्रहण: Pregnant Ladies को रखना होगा इन बातों का खास ध्यान

Wednesday, Dec 25, 2019 - 11:45 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
26 दिसंबर गुरूवार को इस साल यानि 2019 को आख़िरी ग्रहण लग रहा है, जो सूर्य ग्रहण होगा। यूं  तो ज्योतिष विशेषज्ञों का मानना है कि ये ग्रहण भारत के राज्य केरल में दिखाई देगा। ये भी बताया जा रहा है इस ग्रहण के दौरान सूर्य एक आग की अंगूठी की तरह दिखाई देगा। वैज्ञानिकों की भाषा में जिसे वलयाकार सूर्य ग्रहण कहा जाता है। माना जा रहा है इस ग्रहण भारत में साथ-साथ पूर्वी यूरोप, एशिया, उत्तरी- पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया और पूर्वी अफ्रीका में भी देखा जा सकेगा। चाहे इस ग्रहण का प्रभाव पूरे देश में नहीं है फिर भी इस दौरान प्रेग्नेंट महिलाओं को खास ध्यान रखने की ज़रूरत है। तो अगर आप के घर में कोई गर्भवती महिला है तो एक बार आगे दी गई जानकारी ज़रूर पढ़ लें क्योंकि आज कल ऐसे बहुत से लोग होते हैं जो मार्डन बनने के चक्कर में इन बातों का नज़रअंदाज़ कर देते हें जिसका हर्ज़ाना बाद में भुगतना पड़ता है। इसके अलावा सूर्य ग्रहण का समय जानने के लिए यहां क्लिक करें। 

जैसे कि सब जानते हैं हिंदू धर्म तथा ज्योतिष शास्त्र में सूर्य और चंद्रग्रहण से संबंधित कई मान्यताए प्रचलित हैं। जिनका पालन करने से अशुभ फलों से बचाव तो होता ही है साथ ही साथ इस कई तरह के लाभ भी प्राप्त होते हैं। कहा जाता है ग्रहण के दौरान केवल पूजा करने का विधान माना जाता है। हर कोई इस दिन अपने घर में रहना पसंद करता है ताकि उस पर ग्रहण का अशुभ प्रभाव न पड़ सके। इतना ही नहीं इस दिन खाना खाने तक की मनाही होती है। इस दौरान खाद्य वस्तुएं ग्रहण करने की वजह से इंसान अपवित्र हो जाता है। खासतौर पर अन्न के विषय में ऐसी मान्यता है। परंतु इस दौरान सबसे ज्यादा अगर किसी को ध्यान रखने की आवश्यकता होती है तो वो हैं प्रेग्नेंट महिलाएं। कहा जाता ग्रहण के दौरान इन पर नाकारात्मक ऊर्जाओं के हावी होने का भय सबसे ज्यादा होता है। 

गर्भवती महिलाओं के लिए खास सुरक्षा
मान्यता है कि ग्रहण के दौरान प्रेग्नेंट महिलाओं को सावधानी बरतनी चाहिए। खासतौर पर इन्हें इस बात का ध्यान रखना चाहिए जैसे कि खाली आंखों से सूर्य ग्रहण को न देखें। ऐसा कहा जाता है कि ऐसा करने से वायुमंडल में मौज़ूद सभी हानिकारक रेज आंखों की सेहत खराब कर सकती हैं और आंखों की रौशनी पर नकारात्मक प्रभाव भी डाल सकती हैं। 

ग्रहण में क्या काम करना चाहिए
भगवान का ध्यान और भजन करना चाहिए, मंत्रों का उच्चारण करना चाहिए। ग्रहण समाप्ति उपरांत घर पर गंगाजल का छिड़काव करें। इस बात का ख्याल रखएं कि सूतक काल से पहले बने भोजन को बर्बाद न करें, बल्कि उसमें तुलसी के पत्ते डालकर उसे शुद्ध कर लें। ग्रहण के वक्त भूख लगे तो वे फलाहार कर सकती हैं।

सुई-धागे का न करें प्रयोग
माना जाता है ग्रहण के दिन गर्भवती महिलाओं को कोई भी चीज काटनी नहीं चाहिए और न ही सुई धागे का प्रयोग करना चाहिए। ऐसा कहा जाता है ये चीजें होने वाले बच्चेह के लिए सही नहीं होती। इसके अलावा नुकीली और धारदार वस्तु के प्रयोग से बचना चाहिए, यह गर्भ में पल रहे शिशु के लिए अच्छी साबित नहीं होती।  

आराम करें, बाहर न निकलें 
प्रेग्नेंट महिलाओं को ग्रहण के दौरान घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए। वैसे तो सूर्य ग्रहण के दौरान सोने की मनाही होती है। परंतु गर्भवती महिलाओं को इसमें कुछ छूट दी गई है लेकिन आप पूरा प्रयास करें कि ग्रहण के दौरान सोएं नहीं बल्कि अपने आराध्य का ध्यान करें या अपना कोई मनपसंद काम कर लें। 

इन मंत्रों का करें उच्चारण- 
ॐ मित्राय नम: 
ॐ रवये नम: 
ॐ सूर्याय नम: 
ॐ भानवे नम: 
ॐ पुष्णे नम: 

ॐ मारिचाये नम: 
ॐ आदित्याय नम: 
ॐ भाष्कराय नम: 
ॐ आर्काय नम: 
ॐ खगये नम:

गायत्री मंत्र-
ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात्।।

ग्रहण देखने से बचें 
माना जाता है कि ग्रहण देखने से महिलाओं के लिवर, स्किन और आंखों को बहुत अधिक हानि होती है। गर्भ में पल रहे बच्चे को भी त्वचा से जुड़ी किसी तरह की परेशानी हो सकती है। इसलिए अगर संभव हो तो ग्रहण के बाद गर्भवती महिलाएं स्नान करें। 

सूर्यग्रहण में गर्भवती महिलाओं के लिए तुलसी का महत्व-
हिंदू धर्म में तुलसी का प्रयोग चीजों को शुद्ध करने के लिए होता है। यही कारण है कि ग्रहण के दौरान तुलसी का महत्व और बढ़ जाता है। ग्रहण के दौरान होने वाली नकारात्मक ऊर्जा को तुलसी कम करती है। ग्रहण वाले दिन गर्भवती महिलाओं सहित पूरे परिवार को तुलसी के पत्ते पानी में डालकर नहाना चाहिए।
 

Jyoti

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