Pratipada shradh 2020: श्राद्ध के पहले दिन इस विधि से करें पूर्वजों को प्रसन्न

Wednesday, Sep 02, 2020 - 09:42 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

Pratipada shradh 2020: आज बुधवार को आश्विन शुक्ल प्रतिप्रदा पर एकम का श्राद्ध मनाया जाएगा। शास्त्र स्कंदपुराण के अनुसार पितृ व देव एक समान होते हैं, जो दूर से कही हुई बातें सुनते हैं। दूर की पूजा ग्रहण करते हैं व दूर से की गई स्तुति से संतुष्ट होते हैं। देव व पितृ दोनों ही गंध व रस तर्पण से तृप्त होते हैं। जिस प्रकार मनुष्यों का आहार अन्न है, उसी भांति पितृ का आहार अन्न का सार तत्व है। प्रतिपदा तिथि का पार्वण श्राद्ध उन पूर्वजों के निमित्त किया जाता है। जिनकी मृत्यु शुक्ल या कृष्ण पक्ष को प्रतिपदा पर हुई हो। इस श्राद्ध को पड़वा श्राद्ध कहते हैं। इसे मूलतः नाना-नानी श्राद्ध कहते हैं। इस दिन अपने ननिहाल के मृत नाना-नानी का श्राद्ध करने की शास्त्र आज्ञा देता है। भले ही नाना-नानी की मृत्यु तिथि अज्ञात हो, फिर भी इस तिथि पर नाना-नानी का श्राद्ध किया जाता है। प्रतिपदा पर अग्निहोत्र करने का विधान है व इस दिन कूष्माण्ड का दान व उपयोग वर्जित है। प्रतिप्रदा श्राद्ध के पूजन व उपाय से पारिवारिक समृद्धि मिलती है, आनंद की प्राप्ति होती है व पराक्रम में वृद्धि होती है।  

प्रतिपदा श्राद्ध विधि: घर की दक्षिण दिशा में दक्षिणमुखी होकर सफ़ेद कपड़ा बिछाकर पितृ यंत्र व पितृओं के चित्र स्थापित करें। जनेऊ (यज्ञोपवित) दाहिने कंधे से लेकर बाई तरफ करें। पितृों के निमित सरसों के तेल का दीपक करें। लाल-पीले मिश्रित फूल अर्पित करें। सुगंधित धूप अर्पित करें। लाल चंदन अर्पित करें। तेल की पूड़ीयों व बेसन के हलवे का भोग लगाएं। इसके बाद विष्णु के मत्स्य अवतार का स्मरण करते हुए तुलसी पत्र चढ़ाएं। पितृ के निमित्त इस मंत्र का जाप करें। इनके श्राद्ध में चढ़े भोग में से पहले गाय, काले कुत्ते व कौए के लिए ग्रास अलग से निकालकर उन्हें खिलाएं। इसके बाद ब्राह्मण भोजन करवाकर यथा योग्य दक्षिणा दें।



स्पेशल मंत्र: ॐ मत्स्याय मनुपालकाय नमः॥



स्पेशल टोटके
पारिवारिक समृद्धि के लिए: पितृओं पर शहद चढ़ाकर किसी सुहागन ब्राह्मणी को दान करें।

आनंद की प्राप्ति के लिए: पितृओं पर लाल फूल चढ़ाकर जल प्रवाह करें।

फेमस होने के लिए: पितृओं पर गेहूं के दाने चढ़ाकर कर्पूर से जलाएं।

 

Niyati Bhandari

Advertising