Pradosh Vrat 2025: कन्फ्यूजन खत्म, जानें 16 या 17 नवंबर किस दिन रखा जाएगा प्रदोष व्रत
punjabkesari.in Saturday, Nov 15, 2025 - 02:26 PM (IST)
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Pradosh Vrat 2025: प्रदोष का दिन भगवान शिव की पूजा करने के बेहद खास माना जाता है। इस दिन महादेव की पूजा करने से जीवन के समस्त दुःखों से मुक्ति मिलती है। मान्यताओं के अनुसार यदि इस दिन शाम के समय विधि-विधान के साथ पूजा-पाठ किया जाए तो भोलेनाथ खुश होकर हर व्यक्ति की मनोकामना को पूर्ण करते हैं। नवंबर 2025 में आने वाला अगला प्रदोष व्रत 17 नवंबर, सोमवार को है और इसे सोम प्रदोष व्रत कहा जाएगा। प्रदोष व्रत को लेकर अक्सर यह भ्रम होता है कि यह 16 को है या 17 को लेकिन ज्योतिषीय गणना के अनुसार त्रयोदशी तिथि का प्रदोष काल 17 नवंबर को रहेगा। इसलिए इस दिन ही व्रत रखना और भगवान शिव की विशेष पूजा करना सबसे शुभ माना जाता है। प्रदोष व्रत की पूजा प्रदोष काल में ही की जाती है। चूंकि 17 नवंबर की शाम को त्रयोदशी तिथि प्रदोष काल में विद्यमान रहेगी इसलिए यह व्रत 17 नवंबर 2025 को रखा जाएगा। सोमवार को पड़ने के कारण यह सोम प्रदोष व्रत कहलाएगा, जिसका महत्व अत्यधिक होता है।

Som Pradosh Vrat Ke Khaas Upay प्रदोष व्रत के खास उपाय
शिवलिंग पर जलाभिषेक
प्रदोष काल में भगवान शिव के शिवलिंग पर गाय के कच्चे दूध और गंगाजल से अभिषेक करें। यदि परिवार में कोई बीमार है, तो शुद्ध जल में काले तिल मिलाकर शिवलिंग पर अर्पित करें। इससे आरोग्य की प्राप्ति होती है।
बेलपत्र और धतूरा
महादेव को 21 या 108 बेलपत्र अर्पित करें। हर बेलपत्र पर सफेद चंदन से 'ॐ नमः शिवाय' लिखकर चढ़ाने से आपकी इच्छाएं जल्द पूरी होती हैं। शीघ्र विवाह की कामना के लिए शिवलिंग पर बेलपत्र, भांग और धतूरा अर्पित करें।

आर्थिक संकट दूर करने के लिए
प्रदोष काल की पूजा में शिवलिंग पर चावल अर्पित करें। इसके बाद शिवलिंग पर थोड़ा-सा शहद अर्पित करें। शिवलिंग पर दही और शुद्ध देसी घी का लेप लगाने से शुक्र ग्रह मजबूत होता है, जिससे भौतिक सुख-सुविधाओं और धन-समृद्धि में वृद्धि होती है।
मंत्र जाप का महत्व
पूजा के समय रुद्राक्ष की माला से महामृत्युंजय मंत्र या शिव पंचाक्षर मंत्र ॐ नमः शिवाय का कम से कम 108 बार जाप करना अत्यंत शुभ होता है।
दीपदान और दान
प्रदोष काल में अपने घर के पूजा स्थान पर या किसी शिव मंदिर में गाय के घी का दीपक जलाना चाहिए। इस दिन गरीबों और जरूरतमंदों को सफेद वस्त्र, चावल, दूध या दही का दान करने से चंद्र दोष शांत होता है और भोलेनाथ की कृपा बनी रहती है।

