Sawan Ka Pahla Pradosh: आज है सावन का पहला प्रदोष, ऐसे करें भोलेबाबा को प्रसन्न

Saturday, Jul 18, 2020 - 08:59 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

Sawan Ka Pahla Pradosh Vrat: वैसे तो सावन का पूरा महीना ही भगवान शिव को समर्पित होता है और इस महीने को बहुत पवित्र माना जाता है लेकिन सावन के पहले प्रदोष व्रत का हिंदू शास्त्रों में विशेष महत्व बताया गया है। इस बार शनिवार, 18 जुलाई यानि आज के दिन सावन का पहला प्रदोष व्रत आ रहा है। बहुत सारे श्रद्धालुओं को इस व्रत का बेसब्री से रहता है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव की पूजा का विशेष फल मिलता है और सारे पाप भी धुल जाते हैं।


अगर हम हिंदू चंद्र कैलेंडर के अनुसार देखें तो प्रदोष व्रत चंद्र मास के 13वें दिन (त्रयोदशी) पर रखा जाता है और इसमें पूरे विधि- विधान के साथ भगवान शिव की उपासना की जाती है। शास्त्रों में इस व्रत को हिंदू धर्म के सबसे शुभ व महत्वपूर्ण व्रतों में से एक माना गया है। ऐसी आस्था व मान्यता भी है कि इस व्रत को रखने वाला व्यक्ति जन्म- जन्मान्तर के फेरों से निकल कर मोक्ष मार्ग पर आगे बढ़ता है। उसका ये लोक व परलोक दोनों संवर जाते हैं। पुराणों में इस व्रत की विशेष अहमियत को रेखांकित करते हुए कहा गया है कि जब चारों और अधर्म की स्थिति होगी व अन्याय और अनाचार का एकाधिकार होगा तो उस समय में जो व्यक्ति त्रयोदशी का व्रत रखकर भगवान शिव की आराधना करेगा, उस पर भगवान भोले शंकर अपनी पूरी कृपा बरसाएंगे।


Sawan pradosh puja vidhi: व्रत विधि- इस व्रत में बिल्कुल भी आहार नहीं लिया जाता और पूरे दिन उपावस रखने के बाद सूर्यास्त से एक घंटा पहले, स्नान आदि कर श्वेत वस्त्र धारण किए जाते हैं। इस व्रत का विधान यह भी है कि प्रदोष व्रत करने के लिए मनुष्य को त्रयोदशी के दिन प्रात: सूर्य उदय से पूर्व उठना चाहिए तथा नित्यकर्मों से निवृ्त होकर सच्चे मन व पूरी आस्था के साथ भगवान श्री भोले नाथ का स्मरण करना चाहिए। प्रदोष व्रत की आराधना करने के लिए कुशा के आसन का प्रयोग करना चाहिए तथा पूजन में भगवान शिव के मंत्र 'ऊँ नम: शिवाय' का जाप करते हुए शिव को जल चढ़ाना चाहिए। इस दिन विशेष तौर पर रूद्र गायत्री मंत्र,  महामृत्युंजय मंत्र और भगवान शिव के मूल मंत्रों का बड़ी श्रद्धा पूर्वक जाप करना चाहिए। इससे भोले शंकर तुरंत प्रसन्न हो जाएंगे और अपनी कृपा से आप को निहाल कर देंगे।


गुरमीत बेदी
gurmitbedi@gmail.com

Niyati Bhandari

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