अपने LifeStyle में लाएं थोड़ा सा बदलाव, ढेरों खुशियां दौड़ कर आएंगी आपके पास

Saturday, Jul 08, 2023 - 09:17 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

Positive thinking: किसी विद्वान ने एक बार कहा था कि आप जैसा सोचते हैं, आप वैसे ही बन जाते हैं।’ यूं तो परिवार में सबकी सोच सकारात्मक होनी चाहिए, विशेष रूप से घर की महिलाओं की क्योंकि वे परिवार की धुरी होती हैं। घर की सभी गतिविधियां, क्रियाएं घर की महिलाओं के चारों ओर घूमती हैं। घर की बड़ी महिला यदि स्वयं पॉजिटिव रहती हैं तो वह घर के सभी सदस्यों को अपने जैसा बना सकती है। आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में जिसे देखो तनाव में है, सभी के पास समय कम और कार्यों की अधिकता है। यही वजह है कि स्वयं को स्फूर्तिवान, ऊर्जायुक्त और जोश से भरा बनाए रखने हेतु अपने को तनावरहित रखने के लिए सोच को पॉजिटिव रखना आवश्यक है।

पहली बार सुनने में लगता है कि आशावादी रहना बहुत मुश्किल कार्य है, किन्तु ऐसा नहीं है, यह बहुत सहज है। अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में छोटी-छोटी बातों को अपने जीवन में उतार कर घर की महिलाएं पॉजिटिव रहते हुए अपनी जिम्मेदारियों को पूरा कर सकती हैं। एक बार कोशिश करके देखिए, यह मुश्किल सा दिखने वाला काम आपको सरल लगेगा। आप यह किस प्रकार कर सकती हैं, आईए जानें :

थैंक यूं बोलने की आदत डालें
जीवन में सुख का समय चल रहा हो या दुख का, समय कैसा भी हो, प्रतिदिन सुबह अपने ईष्ट देव का दर्शन-पूजन करने के बाद अपने जीवन में खुशियों के लिए थैंक यूं बोलिए। बहुत अधिक नहीं तो दिन में कम से कम तीन बार ऐसा जरूर करें। अपने जीवन की तीन बातें लिख कर इसके लिए अपने देव को धन्यवाद करने का स्वभाव बनाएं। हम जो दूसरों को देते हैं वही लौट कर हमारे पास आता है। थैंक यू बोलने से खुशियां दोगुणी होकर वापस आती हैं।



फेस को ‘स्माइल’ से सजाएं
यदि एक स्माइल आपकी सैल्फी को सुंदर बना सकती है तो जरा सोचिए कि आपका हंसता-मुस्कुराता चेहरा क्या आपका दिन नहीं बना सकता। मुस्कुराहट देने में कंजूसी न करें। जिससे मिलें, खुल कर मुस्कुराते हुए सबका स्वागत करें। घर हों या ऑफिस, सबको आगे बढ़कर सहयोग करें, लेकिन स्वयं के कार्य अधूरे रह जाएं, ऐसा बिल्कुल न करें। अपनी सहूलियत के हिसाब से ही सहयोग करना चाहिए। घर से बाहर जब भी हों अपने आसपास के लोगों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए आगे बढ़ें। छोटी-छोटी बातों के लिए धन्यवाद बोलने की आदत आपको तो खुश रखेगी ही, दूसरों को भी उत्साह देगी।



हंसना है बैस्ट थैरेपी
एक हंसी सौ रोगों को दूर करती है। विज्ञान कहता है कि जब हम हंसते हैं तो हमारे दिमाग की ग्रंथियों से कुछ ऐसे एंजाइम बाहर निकलते हैं, जो हमें तनावमुक्त रखने में सहयोग करते हैं। हंसना एक चमत्कारी दवा का कार्य करता है। आयुर्वेद की लाफ्टर थैरेपी भी यही काम करती है। हंसने के लिए अपने मनपसंद काम करें, चाहें तो मित्रों से पुरानी यादें ताजा करें और चाहें तो कोई कॉमेडी सीरियल देख कर मन बहलाएं। तरीका कोई भी हो, मतलब खुश और हंसते रहने से है।



शिकायत करने से बचें
बार-बार शिकायत करना नैगेटिव होने की निशानी है। महिलाएं इस आदत की सबसे जल्दी शिकार होती हैं। छोटी-छोटी बातों पर अधिक सोचना और मौका मिलते ही शिकायतें करना शुरू कर देना, उनके नेचर में चाहे-अनचाहे आ ही जाता है। अपनी इस आदत से बचना होगा। इससे जल्द ही हम अपना नजरिया बदल सकते हैं। इसे पॉजिटिव रहने की पहली सीढ़ी भी कहा जा सकता है।

अपने को समय देने की आदत
आप सबकी खुशियों का ख्याल रखती हैं, सिवाय अपने। कुछ समय अपने आप को भी दें। आपको क्या अच्छा लगता है, आप क्या चाहती हैं, याद कीजिए अपने स्कूल-कॉलेज के दिनों को। मस्ती में कैसे सबका मूड आप एक मिनट में ठीक कर देती थीं। गाना हो या गुनगुनाना या कोई खेल, जो आपकी पसंद हो, उसे समय दें। आप देखेंगी कि आप नई ऊर्जा से भर गई हैं।



ईश्वर में भरोसा बनाए रखें
अपनी सोच को पॉजिटिव रखने और जीवन के हर पल का आनंद लेने के लिए यह आवश्यक है कि आप ईश्वरीय शक्ति पर अपना भरोसा कम न करें। यह मानकर चलिए कि अपना 100 प्रतिशत देना आपके हाथ में है, परंतु 100 प्रतिशत हल पाना आपके हाथ में नहीं है। अपनी पूरी मेहनत करने के बाद बाकि सब ईश्वर पर छोड़ दीजिए। सोच बदल कर आप अपनी जीवनशैली को बदल सकते हैं।

 

Niyati Bhandari

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