PM मोदी ने किया 800 किलो की भगवद्गीता का लोकार्पण, जानें रोचक जानकारी

Thursday, Feb 28, 2019 - 10:25 AM (IST)

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दिल्ली के इस्कॉन मंदिर के बारे में तो सब जानते ही होंगे। कहते हैं ये अपनी खूबसूरती को लेकर पहले ही बहुत फेमस है। मगर अब इस मंदिर की प्रसिद्ध से और दो कारण जुड़ गए है। जी हां, बीते दिन मंगलवार को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को दिल्ली के इस्कॉन टैंपल में विशाल पहुंचे जहां उन्होंने देश की सबसे बड़ी 800 किलोमग्राम की भगवद्गीता का अनावरण किया। जो इस मंदिर प्रसिद्धि में चार चांद लगा रहा है। बता दें कि इस्कॉन में देश की सबसे बड़ी इस गीता तो 'एस्टाउंडिंग भगवद् गीता' का नाम दिया है। इसके साथ ही ये बता दें कि पीएम मोदी ने इस मंदिर में जाने के लिए आम लोगों के साथ दिल्ली की मेट्रो की सफ़र किया। मंदिर में गीता अनावरण करने के बाद इन्होंने भाषण। जिसमें उन्होंने इस दिन के खास बताया और कहा कि सदियों से भगवद्गीता ज्ञान का प्रतीक है माना जा रहा है। इसके अलावा विश्व की सबसे बड़ी गीता का विमोचन कर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह 'एस्टाउंडिंग भगवद् गीता' दुनिया को सबसे प्रेरक उपहार है, ये पूरे विश्व की धरोहर है और ये हजारों साल से प्रासंगिक है।

पीएम मोदी ने ये भी कहा कि "देश-विदेश की अनेक भाषाओं में श्रीमद् भगवद् गीता का अनुवाद हो चुका है। लोकमान्य तिलक ने जेल में रहकर गीता के रहस्य को भी लिखा है। उन्होंने मराठी में गीता के ज्ञान को लोगों तक पहुंचाया। उन्होंने गीता का गुजराती में भी अनुवाद किया था।"

पीएम ने कहा, "अगर आप विद्यार्थी हैं और अनिर्णय की स्थिति में हैं, आप किसी देश के राष्ट्राध्यक्ष हैं या फिर मोक्ष की कामना रखने वाले योगी आपको अपने हर प्रश्न का उत्तर श्रीमद् भगवद् गीता में मिल जाएगा।

जानें 800 किलोग्राम की भगवद्गीता की कुछ रोचक बातें-
ऐसा कहा जा रहा है कि दुनियाभर में श्री कृष्ण की लीलाओं और संदेश को फैलाने वाली संस्था अतर्राष्ट्रीय कृष्णभावनामृत संघ यानि इस्कॉन ने सबसे बड़ी धार्मिक पुस्तक जिसे 'एस्टाउंडिंग भगवद् गीता' कहा जा रहा है, तैयार की है। माना जा रहा है कि 800 किलोग्राम कि इस गीता को तैयार करने में सिंथेटिक कागज, सोना, चांदी और प्लेटिनम जैसी धातुओं का इस्तेमाल किया गया है। इटली के इस्कॉन में बनाई गई इस गीता के एक पन्ने को पलटने में चार लोग लगते हैं। बताया गया है कि इसके निर्माण में करीबन डेढ़ करोड़ का खर्च आया है और इसे छपवाने में करीब ढाई साल लगे हैं। गीता को इटली के मिलान शहर से समुद्री मार्ग की मदद से गुजरात के मुंद्रा लाया गया जिसके बाद 20 जनवरी को ये दिल्ली पहुंची।

ये है इस भगवद् गीता की खासियत-
800 किलोग्राम की इस पुस्तक में पूरे 670 पन्ने हैं। जिसे पलटने के लिए 4 लोग लगते हैं।

इसकी लंबाई 12 फीट और चौडाई 9 फीट है।

बताया गया है कि इसके कवर पेज को बनाने के लिए सैटेलाइट के निर्माण में इस्तेमाल होने वाले कार्बन फाइबर का उपयोग किया गया है।
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Jyoti

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