पीएम मोदी द्वारा पढ़ा यह श्लोक कोरोना को मात देने में करेगा मदद

Monday, Apr 27, 2020 - 04:46 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

Chanakya Niti: वर्तमान समय में कोरोना का विकराल रुप हर देश पर भारी पड़ा हुआ है। इस महामारी ने अमेरिका जैसे देश की भी जड़े हिला कर रख दी हैं। इटली जहां पर अव्वल दर्जे की स्वास्थ्य सेवाएं थी, वो भी इस महामारी का मुकाबला नहीं कर सका। इसके अतिरिक्त बहुत सारे विकसित देशों में ये अपने पैर जमाने में कामयाब हो चुका है। भारत में स्थिति अभी इन देशों के मुकाबले काफी बेहतर कही जा सकती है। इसका श्रेय जाता है भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को।

पीएम मोदी द्वारा कल रविवार 26, अप्रैल को मन की बात कार्यक्रम में चाणक्य नीति का एक श्लोक पढ़ा गया। इस श्लोक के माध्यम से उन्होंने लोगों में सेहत के प्रति जागरुकता लाने का प्रयास किया। आज जो दौर चल रहा है, उस पर ये श्लोक एकदम से फिट बैठता है। प्रधानमंत्री ने भारतीयों को संबोधित करते हुए कहा था-


‘अग्नि: शेषम् ऋण: शेषम्, व्याधि: शेषम् तथैवच। पुनः पुनः प्रवर्धेत, तस्मात् शेषम् न कारयेत।।


अर्थात आग, कर्ज और बीमारी को कभी भी हल्के में नहीं लेना चाहिए। ये मौका मिलते ही पलटवार कर सकती हैं। इससे पहले ये अधिक खतरनाक हो जाएं, इनका जड़ से खत्म होने तक इलाज करवाना चाहिए।

इसके अलावा पीएम मोदी ने भारतवासियों को लापरवाही न करने की हिदायत देते हुए कहा- हर किसी के लिए दो गज की दूरी, बहुत है जरूरी। उन्होंने उम्मीद जताते हुए कहा, जब वे अगली बार मन की बात क्रार्यक्रम में मिलें तो इस वैश्विक-महामारी से मुक्ति की खबरों के साथ मिलें।

आचार्य चाणक्य की नीतियां जितनी मौर्य काल में सार्थक थी, उतनी आज भी व्यापक है। इस से बढ़कर शायद ही कोई दूसरा मार्गदर्शक हो। कोरोना वायरस का अभी तक कोई वैक्सीन नहीं बन पाया है। ऐसे में अपने घर पर रहें और सामाजिक दूरी बनाए रखने में ही बचाव है।

 

 

Niyati Bhandari

Advertising