पेड़-पौधों से है प्रकृति की सुंदरता, वास्तु में भी इनकी खास अहमियत

Tuesday, Aug 02, 2022 - 02:47 PM (IST)

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वास्तु शास्त्र में बताया गया है पेड़ पौधे मानव जीवन को न केवल जीने के लिए ऑक्सीजन प्रदान करते हैं बल्कि इनसे निकलने वाली सकारात्मक ऊर्जा हमारे जीवन में पॉजिटिव एनर्जी भरते हैं। परंतु बहुत कम लोग हैं जो मानव जीवन में इसकी अहमियत को जानते हैं। तो आइए आज जानते हैं पेड़-पौधे के बारे में जिनके बिना प्रकृति किसी वीराने से कम नहीं मानी जाती। 

हमारी प्रकृति की सुंदरता पेड़-पौधों पर निर्भर है। इनके बिना प्रकृति वीरान लगती है। पेड़-पौधों का महत्व हम सभी जानते तो हैं लेकिन फिर भी हम इन बातों पर कुछ विशेष ध्यान नहीं देते हैं। अगर हम इतिहास उठाकर देखें तो प्राचीन काल से मनुष्य और जीव-जंतु पेड़-पौधों पर निर्भर हैं। पाषाण युग में तो आदिमानव कंद-मूल, पेड़-पौधे के पत्ते, फल और डालियां खाते थे। तब मनुष्य को सभ्यता के बारे में कोई भी ज्ञान न था। पेड़ों से आदिमानव अपने शरीर को ढंकता था। पेड़ों पर अपना आश्रय ढूंढ लेता था।

जंगली जानवरों से बचने के लिए वह पेड़ों पर चढ़ जाता था। मनुष्य के जीवन में पेड़ों का महत्व ‘जल बिन मछली’ जैसा है। पेड़ों से हमें छाया, मीठे फल, औषधि तथा लकडिय़ां प्राप्त होती हैं। आज मनुष्य अपने स्वार्थ को पूरा करने के लिए बिना सोचे-समझे पेड़ों को काट रहा है।

उसे इस बात का अंदाजा नहीं है कि वह अपना और अपनी प्रकृति का कितना बड़ा नुक्सान कर रहा है। प्राचीन काल से ही वृक्षों ने ही मानव जाति को कई प्राकृतिक आपदाओं से बचाया है। तेज बारिश और तेज धूप से मनुष्य की रक्षा की है।

मनुष्य अपने घरों, कारखानों, स्कूलों एवं शॉपिंग माल बनाने के लिए वृक्षों की कटाई कर रहे हैं। कई पेड़ रोजाना काटे जाते हैं लेकिन पेड़ लगाने के विषय में लोग कम सोचते हैं। पेड़-पौधे प्रकाश संश्लेषण का कार्य करते हैं जिसे अंग्रेजी में ‘फोटोसिंथेसिस’ कहा जाता है। हम मनुष्य कार्बन डाईआक्साइड छोड़ते हैं जो पौधे सोख लेते हैं, उसके साथ जल और सूरज की किरणों की आवश्यकता होती है। पौधे प्रकाश संश्लेषण से आक्सीजन का निर्माण करते हैं।

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जितने अधिक पेड़-पौधे होंगे उतना अधिक वातावरण में आक्सीजन का निवास होगा। जितने ज्यादा पेड़ काटेंगे चाहे वह सड़क या कोई कम्पनी का निर्माण के लिए हो उतनी ज्यादा वायु में आक्सीजन की कमी पाई जाएगी। आजकल बाजार में विभिन्न तरीके के फर्नीचरों की मांग बढ़ रही है इसलिए सागौन जैसे कई अनेक पेड़ अधिकतर काटे जा रहे हैं और यह भी सच है कि जितनी ज्यादा संख्या में पेड़ काटे जाएंगे उतना ही ज्यादा प्रदूषण फैलता जाएगा। लगातार सड़कों पर वाहनों की संख्या बढ़ रही है जिससे कार्बन डाईआक्साइड और मिथेन जैसी गैस की बढ़ौतरी होने के कारण ग्रीन हाऊस इफैक्ट जैसी भयानक प्रक्रिया उत्पन्न हो रही है।

वृक्ष हमारी प्रकृति को खूबसूरत बनाकर वातावरण को शुद्ध बनाते हैं। इसी वजह से पेड़ मनुष्य के सच्चे साथी कहलाते हैं। हमें पेड़ों को काटना नहीं बल्कि लगाना चाहिए। अगर पेड़-पौधे नहीं रहेंगे तो पृथ्वी में असंतुलन बढ़ जाएगा और यहां कोई भी प्राणी जीवित नहीं रह सकेगा। पेड़ हमारे पर्यावरण को हरा-भरा और खुशहाल रख सकते हैं। आजकल पेड़ों के सरक्षण के लिए राष्ट्रीय तथा अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी वन महोत्सव जैसे कई कार्यक्रम और प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है ताकि लोगों में पर्यावरण संरक्षण और पेड़ों के महत्व के प्रति जागरूकता फैले जिससे प्राणी मात्र का जीवन सुरक्षित रह सके किन्तु आज विडम्बना यह है कि हम वन और पेड़ों की अहमियत ही नहीं समझ रहे।

अगर हमें अपनी पृथ्वी की रक्षा करनी है तो हमें पेड़ अवश्य लगाने होंगे क्योंकि वे दिन दूर नहीं जब फिर से प्रकृति और पेड़ों के अभाव में यह पृथ्वी आग का गोला बन जाएगी। पृथ्वी को बचाए रखने के लिए पेड़-पौधों का होना अत्यंत आवश्यक है। हम इनके बिना जीवित नहीं रह सकते। पेड़-पौधों से हमें अनगिनत और बहुमूल्य चीजें प्राप्त होती हैं। हमारी कई जरूरतों को वे पूरा करते हैं। पेड़-पौधे भूमि कटाव को रोकने में भी सहायता करते हैं और इस तरह बाढ़ जैसे हालात रोकने में मदद करते हैं। जब बाढ़ आती है तो पेड़ों की जड़ें मिट्टी को रोकती हैं। अगर पेड़-पौधे नहीं होंगे तो पशु-पक्षियों की जिंदगी भी कठिन हो जाएगी। उन्हें रहने के लिए घर नहीं मिलेगा किन्तु आज का मनुष्य इतना स्वार्थी हो गया है कि निरंतर पेड़ों को काट कर खुद अपने ही पैरों पर कुल्हाड़ी मार रहा है। —प्राचार्य डा. मोहन लाल शर्मा  
 

Jyoti

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