Pitru Paksha 2025: गयाजी के अलावा भी हैं ये पवित्र स्थल, जहां कर सकते हैं अपने पितरों का पिंडदान

punjabkesari.in Thursday, Sep 11, 2025 - 07:00 AM (IST)

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Pitru Paksha 2025: सनातन धर्म में गयाजी को अत्यंत पवित्र माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि यहां पितरों का श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान करने से उनकी आत्मा को मोक्ष की प्राप्ति होती है  इसलिए इसे मोक्ष नगरी के रूप में जाना जाता है। पितृ पक्ष के दौरान यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु अपने पूर्वजों के लिए पिंडदान करने आते हैं। खास बात यह है कि गयाजी में उन पितरों के लिए भी पिंडदान किया जाता है जिनका निधन अकाल मृत्यु से हुआ हो, जो प्रेतशिला पर्वत की चोटी पर विशेष रूप से किया जाता है। इस पिंडदान में सत्तू का भी इस्तेमाल होता है।

हालांकि गयाजी के अलावा भी कुछ ऐसे पवित्र स्थल हैं जहां पितरों के मोक्ष के लिए पिंडदान किया जा सकता है:

पुरी (ओडिशा):
पुरी जगन्नाथ मंदिर के लिए विश्व प्रसिद्ध है। यहां हर साल आषाढ़ मास की शुक्ल पक्ष द्वितीया को भव्य रथ यात्रा निकाली जाती है, जिसमें लाखों श्रद्धालु शामिल होते हैं। पूरी के समुद्र तट पर भी पितरों के श्राद्ध और पिंडदान की परंपरा प्रचलित है। यदि किसी कारणवश गयाजी जाना संभव न हो तो पूरी के समुद्र तट पर पिंडदान करना एक शुभ विकल्प माना जाता है। ऐसा विश्वास है कि यहां पूर्वजों को मोक्ष की प्राप्ति होती है और भगवान जगन्नाथ की विशेष कृपा भी मिलती है।

द्वारका (गुजरात):
द्वारका भगवान कृष्ण की नगरी के रूप में जानी जाती है। यहां गोमती नदी के किनारे पितरों का श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान किया जाता है। यदि गयाजी का दौरा संभव न हो तो द्वारका में पिंडदान करना भी बेहद पुण्यकारी माना जाता है। पितृ पक्ष के दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां आते हैं। पिंडदान के लिए गोमती नदी या द्वारका घाट दोनों जगहों का चुनाव किया जा सकता है। इस कार्य को करने से पहले किसी योग्य पंडित से सलाह लेना लाभकारी रहता है।
 


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Content Editor

Prachi Sharma

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