पितृपक्ष में ज़रूर करें इन चीज़ों का दान, मिलेगा पुण्य ही पुण्य

Wednesday, Aug 26, 2020 - 06:36 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
2 सितंबर से पितृ पक्ष आरंभ होने वाला है, हालांकि पहला श्राद्ध 03 सितंबर को मनाया जाएगा। सनातन धर्म में पितृ पक्ष के 15 दिनों का अधक महत्व है। इन दिनों के दौरान लोग अपने परिवार के उन लोगों को आत्मा को शांति दिलवाने के लिए कर्म-कांड करते हैं जो मृत्यु को प्राप्त हो चुके होते हैं। मान्यता है कि श्राद्ध पक्ष के दौरान पितर तर्पण से पूर्वजों की आत्मा को शांति तो मिलती ही है साथ ही पितर प्रसन्न होकर अपने सगे संबंधियों पर कृपा करते हैं। कहा जाता है कि पितृ पक्ष के दौरान मृत्य के देवता उन सभी आत्माओं को धरती पर भेज देते ताकि वो अपने परिजनों के द्वारा किया गया तर्पण ग्रहण कर सके। इसके अलावा इन 15 दिनों में दान आदि करने का भी अधिक महत्व रहता है। मगर खासतौर पर किन चीज़ों का दान करना अनिवार्य होता है। इस बारे में बहुत कम लोग जानते हैं उन खास चीज़ों के बारे में, तो चलिए बिल्कुल देर न करते हुए जानते हैं इन खास चीज़ों के बारे में-

मान्यता है कि श्राद्ध पक्ष में प्रत्यके व्यक्ति को तिल का दान ज़रूर करना चाहिए। इससे पितरों के साथ-साथ दान करने वाले व्यक्ति को भी अधिक लाभ प्राप्तो होता है। इसके अलावा ये भी कहा जाता है कि जब भी पितृ पक्ष में किसी वस्तु का दान करें तो हाथ में काल तिल ज़रूर रखें। इससे जुड़ा एक कारण ये भी बताया जाता है कि भगवान विष्णु जी तथा शनि देव को काले तिल प्रिय है। इसलिए पितृ पक्ष में पुण्य प्राप्ति के लिए ज़रूर काले तिलों का दान करना चाहिए। 


ज्योतिष विशेषज्ञ बताते हैं कि श्राद्ध कर्म करने वाले व्यक्ति को अपनी क्षमता अनुसार चांदी की किसी धातु का प्रयोग अवश्य करना चाहिए। इससे पितरों को शांति प्राप्त होती है साथ ही उनका आशीर्वाद भी प्राप्त होता है। अगर धार्मिक शास्त्रों तथा ग्रंथों की बात करें तो इसमें पितरों का निवास स्थान चंद्रमा के ऊपरी भाग में बताया गया है। चूंकि चांदी का संबंध है इसलिए पितृ पक्ष में चांदी, चावल तथा दूध का दान अवश्य करें। 

कहा जाता है इस दौरान किसी ज़रूरतमंद व्यक्ति को वस्त्रों का दान अवश्य करें। कहा जाता है ऐसा करने वाले व्यक्ति पर सदैव उसके पितरों की कृपा बनी रहती है। खासतौर पर अगर इस दौरान किसी ब्राह्माण को श्राद्ध में धोती एवं दुपट्टे का दान करता है तो बहुत ही शुभ फल प्राप्त होेते हैं। 

Jyoti

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