Pitru Paksha 2020: आप भी ज़रूर करें ये महादान, पितर होंगे प्रसन्न

Thursday, Sep 03, 2020 - 01:58 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
पितृ पक्ष आरंभ हो चुका है, जिसके बाद हर तरफ़ लोग अपने पूर्वजों को प्रसन्न करने लगे हुए हैं। यूं तो हर मास में पड़ने वाले अमावस्या तिथि के दिन पितरों की शांति के लिए श्राद्ध किया जाता है। परंतु साल में 1 बार आने वाले पितृ पक्ष के दौरान पूरे 15 दिन श्राद्ध, पितर तर्पण तथा पिंडदान आदि कर्म कांड किए जाते हैं। ऐसी मान्यता है कि इस दौरान पितर अपने परिजनों द्वारा किए हर तरह के तर्पण को ग्रहण करते हैं तथा उन पर अपनी कृपा बरसाते हैं। इस दौरान तिथि के अनुसार श्राद्ध आदि जैसे कार्य करते हैं, इस बारे में हर कोई जानता है। मगर इस दौरान दान आदि का भी विशेष महत्व है। कहा जाता है इस दौरान दान करने से कई गुना ज्यादा फल मिलता है। इसके अलावा इस दौरान गीता का पाठ करना भी अति लाभदायक माना जाता है। मगर पितृ पक्ष में किन चीज़ों का दान करना चाहिए, इस बारे में जानकारी होना भी बेहद ज़रूरी माना जाता है।

धार्मिक मान्यताएं हैं कि इस दौरान सही दान करने से जितना लाभ प्राप्त होता है उतना ही नुकसान गलत चीज़ों के दान से मिलने लगता है। आइए जानते हैं 17 सितंबर यानि सर्वपितृ अमावस्या तक आपको किन चीज़ों का दान करना आपके लिए शुभ होता है।   

गौदान- 
प्राचीन समय की बात करें तो किसी भी कार्य की सफलता व ईश्वर की कृपा पाने के लिए गौदान तिा जाता है। हालांकि आज के समय में ऐसा करना हर किसी के बस की बात नहीं है। परंतु जो व्यक्ति ऐसा कर सकता हो उसे पितृ पक्ष में गौदान अवश्य करना चाहिए। ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार व्यक्ति इस दान को प्रत्यक्ष भी कर सकता है और संकल्प लेकर भी। इसके अलावा गाय की सेवा कर सकते हैं।

भूमि दान- 
अपनी क्षमता के अनुसार व्यक्ति को पितृ पक्ष के 15 दिनों में से किसी दिन भूमि या इसके अभाव में केवल मिट्टी का दान कर सकता है। ऐसा कहा जाता है श्रादध् पक्ष में केवल मिट्ची दान करने से भी ये जान पूर्ण हो जाता है। इसके शुभ प्रभाव से आर्थिक समृद्धि प्राप्त होती है।

तिल दान- 
पितृ पक्ष में काले तिलों का दान करना चाहिए,  इससे व्यक्ति को अपनी कुंडली के अशुभ ग्रह तथा नक्षत्रों की बाधा से छुटकारा मिलता है।

स्वर्ण दान- 
जो भी व्यक्ति इन 15 दिनों के दौरान स्वर्ण दान करता है, उस व्यक्ति को अपने कर्ज और रोगों से मुक्ति मिलती है। अगर कोई ऐसा न कर पाए तो स्वर्ण के अभाव में केवल दक्षिणा भी दी जा सकती है।

घृत दान- 
इस दौरान गाय का शुद्ध घी पात्र सहित दान करने से पारिवारिक जीवन बेहतर हो जाता है, रिश्तों में समझ के साथ प्यार बढ़ता है। 

वस्त्र दान- 
कहा जाता है इस दौरान अपने पितरों का ध्यान करके गरीबों में वस्त्र दान करना चाहिए। लेकिन ध्यान रहे ये वस्त्र कहीं से भी कट-फटे या पुराने न हों। 

Jyoti

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