कैलाश-मानसरोवर यात्रा का विकल्प बनेगा पुरानी लिपुलेख चोटी से कैलाश दर्शन
punjabkesari.in Wednesday, Jun 28, 2023 - 08:15 AM (IST)

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पिथौरागढ़ (प.स.): पिछले कई वर्षों से स्थगित चल रही कैलाश-मानसरोवर यात्रा को लेकर उत्तराखंड पर्यटन विभाग के अधिकारी इस संबंध में वैकल्पिक तरीके खोज रहे हैं, जिससे श्रद्धालुओं को भगवान शिव के निवास स्थान माने-जाने वाले कैलाश पर्वत की झलक भारतीय भू-भाग से ही मिल सके। इसके लिए राज्य पर्यटन विभाग ने पिथौरागढ़ जिले में तिब्बत के प्रवेशद्वार लिपुलेख दर्रे के पश्चिमी ओर स्थित पुरानी लिपुलेख चोटी से ‘कैलाश दर्शन’ की संभावनाओं का परीक्षण शुरू कर दिया है।
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हाल ही में पर्यटन अधिकारियों, जिला प्रशासन के अधिकारियों, साहसिक पर्यटन विशेषज्ञों और सीमा सड़क संगठन के अधिकारियों ने पुरानी लिपुलेख चोटी का दौरा किया था जहां से कैलाश पर्वत के स्पष्ट और मनोहारी दर्शन होते हैं। टीम ने इस बात पर चर्चा की कि कैसे पुरानी लिपुलेख चोटी को धार्मिक पर्यटन गंतव्य के रूप में विकसित किया जा सकता है।
चीन के अधिकारियों द्वारा वर्ष 2020 में कोविड महामारी फैलने के बाद से कैलाश-मानसरोवर यात्रा की अनुमति नहीं दिए जाने के कारण पुरानी लिपुलेख चोटी से कैलाश दर्शन को कैलाश मानसरोवर यात्रा के विकल्प के तौर पर देखा जा रहा है।
पुरानी लिपुलेख दर्रा चोटी 19,000 फुट की ऊंचाई पर स्थित है। सीमा सड़क संगठन द्वारा चोटी के आधार शिविर तक सड़क का निर्माण कर दिए जाने के कारण भारतीय भू-भाग में पुरानी लिपुलेख चोटी से कैलाश दर्शन की संभावनाएं बहुत अधिक हैं। लिपुलेख दर्रे से केवल 1800 मीटर की ऊंचाई पर स्थित चोटी तक श्रद्धालु स्नो स्कूटर से पहुंच सकते हैं। पुराने समय में भी कैलाश पर्वत के दर्शन के लिए ऐसे श्रद्धालु पुराने लिपुलेख दर्रा चोटी का प्रयोग करते थे जो वृद्धावस्था या किसी रोग के कारण मानसरोवर तक नहीं जा पाते थे।