गया के अलावा इन जगहों पर किया जा सकता है पिंड दान

Wednesday, Sep 04, 2019 - 06:31 PM (IST)

ये नहीं देखा तो क्या देखा (VIDEO)
इस महीने की 13 तारीख़ यानि सितंबर की दिनांक को पितृ पक्ष का आरंभ हो रहा है। हिंदू धर्म में इन  इसका बहुत महत्व है। पुराणों के अनुसार इस दौरान पितरों की मुक्ति के लिए पिंड दान, तर्पण और ब्रह्मभोज आदि किए जाते हैं। इस दौरान यूं तो देश के हर कोने में इस दौरान लोगों को श्राद्ध करते पाए जाते है। मगर इसके अलावा तीन ऐसे स्थान है जिनका धार्मिक महत्व होने के कारण यहां पितर तर्पण करना सर्वाधिक महत्व है।

आईए जानते हैं इन 3 जगहों के बारे में-
बिहार
बिहार के गया में पितृ पक्ष में पिंड दान करने का सबसे उत्तम स्थान माना गया है। मान्यताओं के अनुसार, यहां श्राद्ध कर्म करना सबसे पवित्र कर्म माना गया है। दरअसल, अन्य जगहों पर सिर्फ पितृपक्ष में ही पिंड दान किया जाता है लेकिन गया में किसी भी समय और किसी भी पक्ष में पिंड दान किया जा सकता है। यही कारण है कि गया को मोक्ष की भूमि कहा जाता है।

बद्रीनाथ
बद्रीनाथ में भी पिंड दान करना शुभ माना जाता है। यहां ब्रह्माकापल पर पिंड दान किया जा सकता है। मान्यता है कि यहां पर पिंड दान करने से पितरों को नरक लोक से मुक्ति मिल जाती है। कहा जाता है कि इस स्थान पर ब्रह्महत्या से मुक्ति के लिए भगवान शिव ने भी प्रायश्चित किया था।

हरिद्वार
हरिद्वार के नारायणी शिला पर पिंडदान का महात्म्य है। पितृ पक्ष में यहां आकर लोग अपने पुरखों के लिए पिंडदान करते हैं। मान्यता है कि यहां पर पिंड दान करने से पित्तरों को मोक्ष मिलता है और परिवार में सुख-शांति आती है।

काशी
पौराणिक कथाओं के अनुसार, काशी में पिंड दान करना अनिवार्य है। यही कारण है कि जो लोग गया में पिंड दान करने जाते हैं, वो सबसे पहले काशी में पिंड दान करते हैं तब गया जाते हैं। मान्यता है कि यहां पर पिंड दान करने से पितरों को विभिन्न योनियों से मुक्ति मिल जाती है और मोक्ष की प्राप्ति होती।

Jyoti

Advertising