फुलेरा दूज- प्रेम संंबंधों को मजबूत करने के लिए करें ये काम

Friday, Mar 04, 2022 - 09:44 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ 
प्रत्येक वर्ष के फाल्गुन मास की द्वितीया तिथि को देश भर के कई विभिन्न हिस्सों में फुलेरा दूज नामक पर्व मनाया जाता है। इस बार ये पर्व 04 मार्च दिन शुक्रवार के दिन पड़ रहा है। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन से हिंदू धर्म में मनाए जाने वाले होली पर्व की शुरूआत हो जाती है। इस दिन को लेकर धार्मिक मान्यता ये भी है कि इस दिन हर क्षण शुभ होता है, इसलिए कार्य करने के लिए मुहूर्त देखने की जरूरत नहीं पड़ती। इसके अलावा इस दिन क्या खास होता है क्या नहीं, आइए जानते हैं आगे-
सबसे पहले जानते हैं किआखिर क्यों मनाते हैं फुलेरा दूज का पर्व-
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार फुलेरा दूज का त्यौहार मुख्य रूप से बसंत ऋतु से संबंधित है। तो वहीं इस त्यौहार का संबंध वैवाहिक जीवन और प्रेम संबंधों को अच्छा बनाने के लिए भी मनाया जाता है। ज्योतिष मान्यता है कि इस दिन को साल का अबूझ मुहूर्त वाला दिन माना जाता है। जिसके परिणाम स्वरूप इस दिन किसी भी प्रकार का शुभ कार्य किया जा सकता है।

क्योंकि ये दिन प्रेम संबंधों को मजबूत करने वाला माना जाता है इसलिए इस दिन राधा कृष्ण की पूजा की जाती है। ऐसा माना जाता है इस दिन राधा कृष्ण की पूजा करने से कुंडली में मौजूद जुड़े प्रेम दोष दूर होते हैं। इसके अलावा इस दिन क्या करना चाहिए क्या नहीं, जानिए यहां-

वैवाहिक जीवन में चल रही परेशानियों को ऐसे करें दूर- 

फुलेरा दूज के दिन भगवान श्रीकृष्ण और राधा-रानी की विधि वत रूप से पूजा करनी चाहिए। मान्यता है कि इससे दांपत्य जीवन में मधुरता आती है।
 
इस दिन  राधा-कृष्ण को रंग-बिरंगे फूल अर्पित करने भी लाभदायक माना जाता है। इससे भी वैवाहिक जीवन में आपसी प्यार बढ़ता है। संभव हो तो इस दिन राधा-कृष्ण मंदिर में जाकर उनके दर्शन जरूर करने चाहिए।

राधा-कृष्ण को प्रसन्न करने के लिए इन्हें इनकी प्रिय श्रृंगार की वस्तुएं अर्पित करनी चाहिए। मगर ध्यान रखें कि इस दौरान कोई भी एक चीज अपने पास जरूर रखें। ऐसा माना जाता है जिन लोगों की जल्दी शादी न हो रही हो, उनके लिए ये उपाय बेहद लाभदायक साबित होता है।

इस दिन अपनी क्षमता के अनुसार किसी गाय, मोर या गाय की बछिया को आहार दें। इसके अलावा इस दिन खास ध्यान रखें कि किसी की भी निंदा न करें और न ही किसी कृष्ण भक्त का अपमान करें।

Jyoti

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