अपनी वृद्धावस्था में अत्यंत सुख भोगते हैं कन्या राशि वाले जातक

Tuesday, May 18, 2021 - 05:09 PM (IST)

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कन्या राशि के जातक हर काम में परफैक्शन चाहते हैं। लव लाइफ को लेकर भी उनका ऐसा ही सोचना होता है। ये अपने पार्टनर की सोच की भी पूरी जांच-परख करने में यकीन रखते हैं। ये अक्सर लोगों की गलतियां दिखाकर उन्हें सही करने की सलाह देते हैं।कन्या राशि के लड़के हर काम में अपना सर्वश्रेष्ठ देना पसंद करते हैं। इस राशि के लड़कों के साथ आप अपनी पसंद से जिंदगी जी सकती हैं। ये भरोसेमंद साथी साबित होते हैं। जातक को उसके द्वारा किए जाने वाले कार्यों के प्रति अधिक महत्वाकांक्षी बनाते हैं। जातक भावुक होता है एवं वह दिमाग की अपेक्षा हृदय से काम लेना चालू कर देता है। इस राशि के लोग संकोची और शर्मीले प्रभाव के साथ झिझकने वाले होते हैं। मकान, जमीन और सेवाओं वाले क्षेत्र में इस राशि के जातक कार्य करते हैं। स्वास्थ्य की दृष्टि से फेफड़ों में ठंड लगना और पाचन एवं आंतों से संबंधी बीमारियां इन जातकों में मिलती हैं।

बाल्यकाल से युवावस्था के अलावा जातकों की वृद्धावस्था अधिक सुखी और ज्यादा स्थिर होती है। इस राशि वाले पुरुषों का शरीर स्त्रियों की भांति कोमल होता है। ये नाजुक और ललित कलाओं से प्रेम करने वाले लोग होते हैं। इनका बचपन संघर्षों में बीतता है। इन्हें सुविधाएं आसानी से प्राप्त नहीं होतीं परंतु ये अपनी योग्यता के बल पर उच्च पद पर पहुंच जाते हैं।विपरीत परिस्थितियां भी इन्हें डिगा नहीं सकतीं और ये अपनी सूझ-बूझ, धैर्य, चातुर्य के कारण आगे बढ़ते रहते हैं। ये कभी विचलित नहीं होते। बुध का प्रभाव इनके जीवन में स्पष्ट झलकता है। अच्छे गुण, विचारपूर्ण जीवन, बुद्धिमत्ता इस राशि वालों में अवश्य देखने को मिलती है।

इनके स्वभाव में नम्रता और लज्जा का पुट होता है। शिक्षा और जीवन में सफलता के कारण लज्जा और झेंपूपन तो कम हो जाते हैं परंतु नम्रता तो इनका स्वाभाविक गुण है। इनको अकारण क्रोध नहीं आता किन्तु जब क्रोध आता है तो जल्दी समाप्त नहीं होता, जिसके कारण क्रोध आता है उसके प्रति घृणा की भावना इनके हृदय में घर कर जाती है। इन जातकों में भाषण व बातचीत करने की अच्छी शक्ति होती है। संबंधियों से इन्हें विशेष लाभ नहीं होता। इनका वैवाहिक जीवन भी सुखी नहीं होता। यह जरूरी नहीं कि इनका किसी और औरत के साथ संबंध होने के कारण ही ऐसा होगा। पराई स्त्री से प्रेम के संबंधों के बगैर भी इनका जीवन कलेशमय हो सकता है। अगर ये दूसरा विवाह कर भी लें, जिसकी प्रबल संभावना रहती है तो इनके जीवन में काफी परिवर्तन आ जाता है पर इनके प्रेम संबंध प्राय: बहुत सफल नहीं होते। इसी कारण निकटस्थ लोगों के साथ इनके झगड़े चलते रहते हैं।

ऐसे जातक धार्मिक विचारों में आस्था तो रखते हैं परंतु किसी विशेष मत के नहीं होते। इन्हें यात्राएं भी करनी पड़ती हैं तथा विदेश गमन की भी संभावना रहती है। जिस काम में हाथ डालते हैं लगन के साथ पूरा करके ही छोड़ते हैं। परिश्रम और सतत् संघर्ष से किसी भी कार्य में लगे रहें तो इनको सफलता के साथ यश भी मिलता है। इन्हें पेट की बीमारी से कष्ट होता है जिगर भी उसी का भाग है। पैर के रोगों से भी सचेत रहें। वैसे इन जातकों की मैत्री किसी भी प्रकार के व्यक्ति के साथ हो सकती है। —गुरमीत बेदी  

Jyoti

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