Paush Amavasya: बहुत ही महत्वपूर्ण योगों में पड़ रही है अमावस्या, पर्स में अवश्य रखें ये चीज

Friday, Dec 23, 2022 - 06:34 AM (IST)

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Paush Amavasya 2022: हमारे शास्त्रों और ज्योतिष में अमावस्या का बहुत महत्व है। वैसे तो हर महीने अमावस्या आती है लेकिन साल 2022 की अंतिम अमावस्या इस बार बहुत ही महत्वपूर्ण योगों में पड़ रही है और खास रहने वाली है।

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Paush Amavasya shubh muhurat: पौष माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि 22 दिसंबर, गुरुवार को शाम 07 बजकर 13 मिनट आरंभ हो रही है। जो अगले दिन 23 दिसंबर, शुक्रवार को शाम 03 बजकर 46 मिनट पर समाप्त हो रही है इसलिए इस साल पौष अमावस्या 23 दिसंबर को है। 23 दिसंबर को अमावस्या के दिन अमृत-सर्वोत्तम मुहूर्त- सुबह 09:45 बजे से 11:03 बजे तक और गंड योग- सुबह से लेकर दोपहर 01 बजकर 42 मिनट तक रहेगा।



Paush amavasya upay 2022: पौष माह की अमावस्या शुक्रवार के दिन पड़ रही है। शुक्रवार का दिन मां लक्ष्मी को समर्पित होता है इसलिए इस दिन मां लक्ष्मी का विशेष आशीर्वाद हासिल किया जा सकता है और घर में सुख-समृद्धि लाई जा सकती है।

इस दिन स्नान दान के साथ देवी-देवताओं की पूजा-अर्चना करना शुभ माना जाता है। इसके साथ ही अमावस्या तिथि में पितरों का तर्पण करने से उनकी आत्मा को शांति मिलती है और वह अपने परिवार को सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं।

इस दिन सूर्योदय से पहले उठकर गंगा स्नान करना चाहिए। अगर आप गंगा या अन्य नदी में स्नान करने के लिए नहीं जा पा रहे हैं, तो घर में ही नहाने वाले पानी में थोड़ा सा गंगा जल डाल लें। ऐसा करने से गंगा स्नान के बराबर पुण्य की प्राप्ति होगी। इसके बाद भगवान सूर्य को तांबे के लोटे से अर्घ्य दें। अर्घ्य देने के साथ सभी देवी-देवता की पूजा करें। पूजा के बाद गरीबों और जरूरतमंदों को दान करें।



पितृ दोष से निजात पाने के लिए पितरों के पसंद का भोजन बनाएं। गाय, कौवा, कुत्ता के लिए भोजन निकालने के बाद ब्राह्मणों को भोजन कराएं।

साल की आखिरी अमावस्या पर पितृदोष से मुक्ति पाने के लिए जरुरतमंदों को चावल, दूध और गर्म कपड़े का दान करें। इससे पितृ सुख-समृद्धि और दीर्घायु का आशीर्वाद देते हैं। पितरों के निमित्त असहाय एवं गरीब लोगों को भरपेट भोजन कराएं। ऐसा करने से घर की आर्थिक परेशानी दूर होती है और धन संपत्ति का आगमन होता है।

पौष माह की अमावस्या शुक्रवार के दिन पड़ रही है। शुक्रवार मां लक्ष्मी को समर्पित है। ऐसे में इस दिन पीपल पर तिल और गुड़ अर्पित करें। फिर प्रणाम कर पीपल का एक पत्ता घर ले आएं। इस पत्ते पर केसर से 'श्रीं' लिखें और मां लक्ष्मी के चरणों में चढ़ा दें। अगले दिन पत्ते को पर्स में रख लें। इस उपाय से लक्ष्मी का लगातार आगमन होता है।



शुक्रवार को क्योंकि अमावस्या है इसलिए इस दिन शाम को घर के ईशान कोण में गाय के घी का दीपक जलाएं और ऐसा करने से घर में मां लक्ष्मी का वास होता है। इस अमावस्या को मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने का आपको यह मौका चूकना नहीं है।

गुरमीत बेदी
9418033344

Niyati Bhandari

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