अगर आपके पास भी हैं ये दो चीज़ें तो आपको भी मिल सकती है कामयाबी

Wednesday, Mar 18, 2020 - 10:21 AM (IST)

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बात सन 1919 की है जब वॉल्ट नाम का वह शख्स संघर्ष के दिनों से गुजर रहा था। अखबार से मिलने वाले थोड़े-से पैसों में उसका काम जैसे-तैसे चल पाता था। फिर अचानक एक दिन वॉल्ट को संपादक ने बुलाया और कहा, ''वॉल्ट, तुममें कल्पनाशीलता और नए विचारों की कमी है। तुम्हें कहीं और काम ढूंढ लेना चाहिए। फिर 1920 में एक अन्य कार्टूनिस्ट के साथ मिलकर उसने एक छोटी-सी कंपनी बनाई लेकिन यहां भी रास्ता मुश्किल होता जा रहा था। तंगी के चलते कुछ दिनों के लिए उसे दूसरी नौकरी भी करनी पड़ी।

बढ़ते कर्ज के बोझ ने वॉल्ट के साथ कंपनी की कमर भी तोड़ दी। कंपनी कर्मचारियों की तनख्वाह भी चुकाने में नाकाम रही। आखिर में कंपनी को दिवालिया घोषित करके बंद करना पड़ा। एक के बाद एक कठिनाइयों के तूफान आते गए लेकिन वॉल्ट ने हिम्मत नहीं हारी। वह जी-जान से कोशिशें करता रहा। आखिरकार 1927 में उसे पहली सफलता हाथ लगी 'ओस्वाल्ड कार्टून-पात्र के रूप में, जो एक चुलबुला खरगोश था। कामयाबी का यह दौर भी ज्यादा दिनों तक नहीं टिक सका। यह पात्र प्रोड्यूसर ने चुरा लिया और वॉल्ट को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया।
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विफलताओं की लहरों से बार-बार टकराकर आम लोगों का मनोबल टूट जाता है लेकिन उसकी हिम्मत चट्टान जैसी मजबूत रही। उसने अपना हौसला कम नहीं होने दिया। 1928 में दुनिया का सबसे सफल कार्टून पात्र 'मिकी माऊस रचकर वॉल्ट डिज्नी ने दिखा दिया कि दृढ़ता और मेहनत से सब कुछ पाया जा सकता है। मिकी माऊस को लेकर भी उन्हें पहले नकारात्मक प्रतिक्रियाएं मिलीं, ''फिल्मी पर्दे पर चूहा देखना कोई पसंद नहीं करेगा। परन्तु आशावान वॉल्ट डिज्नी और उनके पात्र मिकी माऊस ने साबित किया कि हौसले और परिश्रम की सीढ़ियां कामयाबी की मंजिल तक पहुंचा ही देती हैं।

Lata

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