Papmochani Ekadashi 2020: गृह और ग्रहों से जुड़ी हर समस्या का हल करेगा ये मंत्र

Wednesday, Mar 18, 2020 - 10:45 AM (IST)

Follow us on Twitter

वेदों-पुराणों द्वारा स्थापित ज्योतिष शास्त्र में कहा गया है की पूरे नवग्रह श्रीकृष्ण की ही परिक्रमा लगाते हैं। ‘श्रीगोपाल सहस्र नाम’ में तो स्पष्ट लिखा है कि महाक्रूर ग्रह भी श्रीकृष्ण के भक्तों को कष्ट पहुंचाना तो दूर, उन्हें छू भी नहीं सकते। श्रीकृष्ण का धरा पर प्राकट्य पवित्र भाद्रपद मास में कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रोहिणी नक्षत्र में हुआ था। यह रोहिणी चंद्रमा का नक्षत्र है। अत: जिस व्यक्ति का भी जन्म अष्टमी तिथि या रोहिणी नक्षत्र में हुआ है, उन्हें अनिवार्य रूप से श्रीकृष्ण की आराधना करनी ही चाहिए। साथ ही जन्म नक्षत्र पाया ‘सोना’ होने से सोने के पाए में जन्मने वाले सभी जातकों को श्रीकृष्ण की नियमित पूजा-अर्चना करनी चाहिए। जिन लोगों का जन्म अमावस्या के आसपास हुआ हो या जिनकी जन्मपत्री में चंद्रमा क्षीण हो, उन्हें भगवान श्रीकृष्ण की पूजा करनी चाहिए क्योंकि पराशर मुनि ने श्रीकृष्ण को चंद्र का अवतार ही माना है- चन्द्रस्य यदुनायक: चाहिए।

होलिका दहन और चैत्र मास के नवरात्र के मध्य जो एकादशी आती है, उसे पापमोचिनी एकादशी कहा जाता है। शास्त्रों के अनुसार जो व्यक्ति अपने पापों का पश्चाताप या पापों से मुक्ति चाहता है, उसे इस एकादशी का व्रत अवश्य करना चाहिए। आप भी पापमोचिनी एकादशी का लाभ उठाना चाहते हैं तो कल 19 मार्च 2020 को व्रत-उपवास किया जा सकता है।

प्रत्येक एकादशी को तो अनिवार्य रूप से गीता पाठ करना ही चाहिए। प्रेतशांति व पितृदोष निवारण के लिए भी श्रीकृष्ण चरित्र की कथा श्रीमद्भागवत महापुराण का व गजेंद्र मोक्ष का पाठ पौराणिक विद्वान ब्राह्मणों से सात दिन में करवाना चाहिए। 

मंत्र- ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः

इस मंत्र की 1008 आहुतियां देनी चाहिएं। यह मंत्र प्राय: सभी ग्रहों की शांति के लिए उपयोग में लाया जाता है। घर में चल रही हो परेशानी या ग्रह कर रहे हों मनमानी तो आपकी दोनों समस्याओं का हल करेगा उपरोक्त लिखित मंत्र।

Niyati Bhandari

Advertising