Papmochani ekadashi: पापमोचनी एकादशी पर तुलसी का ये उपाय करना न भूलें, साल भर बरसेगी श्री हरि की कृपा
Thursday, Apr 04, 2024 - 09:48 AM (IST)
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Papmochani ekadashi 2024: हर साल चैत्र माह की कृष्ण पक्ष की एकादशी पर पापमोचनी एकादशी का व्रत किया जाता है। इस एकादशी का हिंदू धर्म में विशेष महत्व बताया गया है। माना जाता है कि पापमोचनी एकादशी का व्रत करने से व्यक्ति के समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं लेकिन इसके अलावा भी इस दिन खास उपाय करने घर में सुख-समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है जैसे कि सब जानते हैं श्री हरि को तुलसी बेहद ही प्रिय है। ये ही नहीं बल्कि ये भी कहा जाता है कि भगवान विष्णु बिना तुलसी के भोग ग्रहण नहीं करते हैं और तुलसी के बिना इनकी पूजा तक अधूरी रहती है। ऐसे में सिर्फ एक तुलसी का पत्ता श्री हरि को प्रसन्न करने के लिए खास महत्व रखता है। पापमोचिनी एकादशी पर तुलसी से जुड़े कुछ उपाय, जिनके द्वारा आप प्रभु श्री हरि की विशेष कृपा प्राप्त कर सकते हैं, तो आईए जानते हैं-
पापमोचनी एकादशी शुभ मुहूर्त
एकादशी तिथि आरंभ - 04:16 पी.एम (4 अप्रैल, गुरुवार)
एकादशी तिथि समापन - 01:28 पी.एम (5 अप्रैल, शुक्रवार)
पापमोचनी एकादशी व्रत- 05 अप्रैल, शुक्रवार
पापमोचनी एकादशी पूजन मुहूर्त- 06:06 ए. एम से लेकर 10:49 ए. एम
पंचांग के अनुसार चैत्र माह की कृष्ण एकादशी तिथि 4 अप्रैल को शाम 04 बजकर 16 मिनट पर शुरू होगी और अगले दिन 05 अप्रैल को दोपहर 1 बजकर 28 मिनट पर समाप्त होगी। उदयातिथि के अनुसार पापमोचनी एकादशी का व्रत 05 अप्रैल शुक्रवार को रखा जाएगा। इस दिन पूजा के लिए शुभ मुहूर्त रहेगा सुबह 6 बजकर 6 मिनट से लेकर सुबह 10 बजकर 49 मिनट तक।
तो चलिए आगे जानते हैं, इस दिन किए जाने वाले खास उपाय-
सनातन धर्म में तुलसी को मां लक्ष्मी का रूप माना गया है। ऐसे में पापमोचनी एकादशी के दिन तुलसी के पौधे की पूजा करें और उनके समक्ष घी का दीपक जलाएं। ऐसा करने से साधक को विष्णु जी के साथ-साथ माता लक्ष्मी का भी आशीर्वाद प्राप्त हो सकता है।
पापमोचनी एकादशी के दिन दम्पति को तुलसी के पौधे में कलावा बांधना चाहिए और सुखी वैवाहिक जीवन के लिए प्रार्थना करनी चाहिए। इससे भगवान विष्णु की कृपा आपके ऊपर बनी रहती है और वैवाहिक जीवन खुशहाल तरीके से बीतता है। इसके साथ ही एकादशी के दिन तुलसी माता को सुहाग की सामग्री और लाल चुनरी भी जरूर अर्पित करें। इससे दांपत्य जीवन में प्रेम बना रहता है।
इस बात का विशेष ध्यान रखें कि एकादशी तिथि पर तुलसी में जल अर्पित करना वर्जित माना जाता है इसलिए पापमोचनी एकादशी पर तुलसी में जल न चढ़ाएं। साथ ही इस दिन तुलसी के पत्ते भी नहीं उतारने चाहिए। भगवान विष्णु के भोग में उपयोग करने के लिए एक दिन पहले ही पत्ते उतारकर रख लें।