वास्तु के साथ-साथ मांगलिक कार्यों में शुभ माना गया है पंचपल्लव

Saturday, Dec 12, 2020 - 12:11 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
सनातन धर्म में कई तरह के धार्मिक कार्य किए जाते हैं। इन धार्मिक कार्यो में यज्ञ, हवन, अनुष्ठान, मांगलिक कार्य आदि शामिल होते हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इन तमाम तरह के कार्यों में खास प्रकार का सामग्री का उपयोग किया जाता है। इस सामग्री कई तरह की वस्तुओं का इस्तेमाल होता है। जिनमें कई तरह के पौधे भी शामिल होते हैं। जी हां, आपने अक्सर देखा होगा कि कई तरह के धार्मिक अनुष्ठान में पेड़ों के पत्तों का उपयोग किया जाता है। इन्ही में से एक है अति शुभ माना जाने वाले पंचपल्लव। मगर पंचपल्लव कसे कहा जाता है? इस बारे में बहुत कम लोग जानते हैं। तो चलिए आईए आपको बताते हैं कि धार्मिक के साथ-साथ इसका वास्तु में क्या महत्व है।

वास्तु शास्त्र के अनुसार एक तरफ़ घर के आसपास पौधों को लगाना अच्छा होता तो वहीं कुछ पौधों को सनातन धर्म में होने वाले शुभ व मांगलिक कार्यों में उपयोगी माना जाता है। कहा जाता है जिस व्यक्ति के घर में पेड़-पौधों होते हैं उसके घर और जीवन में हमेशा सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। परंतु ऐसे में इस बात की ओर भी ध्यान देना अधिक आवश्यक होता है वास्तु के अनुसार कौन सा पेड़ या पौधा घर के लिए अच्छा होता है। बताया जाता है घर में दूध, फल एवं कांटेदार वृक्ष नहीं लगाने चाहिए। इस तरह के वृक्षों से धनहानि तथा संतति क्षय होने सा अधिक भय।

अति शुभ पंचपल्लव:
वास्तु शास्त्री बताते हैं पीपल, आम, बड़, गूलर एवं पाकड़ के पत्तों को ही 'पंचपल्लव' के नाम से जाना जाता है। किसी भी प्रकार का धार्मिक कार्य हो, उसमें इन पत्तों को कलश में रखकर स्थापित किया जाता है। तो वहीं पूजा के साथ साथ सनातन धर्म में होने वाले अन्य मांगलिक कार्यों में इनका विभिन्न प्रकार से उपयोग होता है।


वास्तु के अनुसार इस पेड़ों का घर में लगाना शुभ माना जाता है। मगर इस दौरान इस बात का ख्याल रखना बेहद आवश्यक होता है कि इनके लिए सही दिशा क्या है। तो बता दें कि वास्तु के अनुसार घर के आंगन में अगर पूर्व की दिशा में पीपल, पश्चिम में बड़, उत्तर में गूलर तथा दक्षिण में पाकड़ का पौधा लगाया जाना शुभ होता है। तो वहीं ये भी कहा जाता है कि मगर ध्यान रहे इन वृक्षों को घर से इतनी दूर-दूर लगाना चाहिए कि दिन के दूसरे प्रहर में इनकी छाया घर पर न पड़े। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार पीपल, बड़, नीम और केले के वृक्ष को भगवान रूप माना जाता है। जहां कहा जाता है कि पीपल में विष्णु, बड़ में शिव और नीम में ब्रह्मा का निवास है तो वहीं वहीं केले में श्रीगणेश का भी वास माना गया है। यही कारण है इनकी बेहद खास माना जाता है।

Jyoti

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