शिवरात्रि के साथ ही लग जाएगी पंचक, जानें कैसे होता है इसका निर्माण

Tuesday, Mar 09, 2021 - 06:01 PM (IST)

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11 मार्च, शिव भक्तों के लिए सबसे खास दिन है, जी हां आप सही समझ रहे हैं फाल्गुन मास की चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाएगा। जिसकी तैयारियां पूरे जोरों-शोरों पर चल रही हैं। तो वहीं इसी दिन से इस वर्ष का महाकुंभ मेला भी प्रारंभ हो जाएगा। पंचांग की मानें तो इसी दिन से फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी की तिथि भी है। तो वहीं इसी दिन बुध ग्रह का राशि परिवर्तन भी होने जा रहा है। जिस कारण इस दिन विशेष संयोग बन रहा है। मगर क्या आप जानते हैं कि 11 मार्च से ही पंचक लग रही है। आइए जानते हैं कब है पंचक- 

कब से लग रही हैै पंचक- 
ज्योतिष विशेषज्ञों के अनुसार 11 मार्च को प्रात: 09 बजकर 21 मिनट से पंचक आरंभ हो रहे हैं जिसका समापन 16 मार्च की सुबह 04 बजकर 44 मिनट पर होगा। कहा जाता है पंचक के दौरान कुछ कार्यों को वर्जित माना गया है जिस कारण पंचक को महत्वपूर्ण माना जाता है। कौन से हैं वो कार्य जानेंगे मगर इससे पहले आपको बताते हैं कि कैसे होता है पंचक का निर्माण-

कैसे होता है पंचक का निर्माण-
बताया जाता है पंचक का निर्माण नक्षत्रों के मेल से होता है। जब चन्द्रमा, कुंभ और मीन राशि पर रहता है. तो उस वक्त पंचक काल का निर्माण होता है। पंचांग के अनुसार 11 मार्च को प्रात: 09 बजकर 21 मिनट तक चंद्रमा मकर राशि के बाद कुंभ राशि में गोचर करेगा। इस दौरान घनिष्ठा से रेवती तक जो पांच नक्षत्र होते हैं, उन्हे पंचक कहा जाता है। ये नक्षत्र होते हैं घनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वा भाद्रपद, उत्तरा भाद्रपद और रेवती नक्षत्र। 

वर्जित कार्य-
इस दौरान 5 प्रकार के कार्यों को वर्जित माना जाता है, जिन्हें छोड़कर शेष कार्यों को किया जा सकता है। लकड़ी को एकत्र करना, पंलग खरीद कर घर पर लाना या उसका निर्माण कराना, घर की छत का निर्माण कराना और दक्षिण दिशा की यात्रा करना अशुभ होता है। 

Jyoti

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