आज का पंचांग- 10 फरवरी, 2019

Sunday, Feb 10, 2019 - 08:57 AM (IST)

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आज 10 फरवरी, 2019 की पंचमी तिथि है। इसके स्वामी शेष नाग हैं। इस तिथि में जन्मा बच्चा माता-पिता का ताबेदार, कुछ परोपकारी, धर्म-परायणी, तथा पीपल्स वैल्फेयर के लिए चल रहे आयोजनों, प्रोग्रामों में इंट्रैस्ट रखने वाला, शारीरिक तौर पर कसरती, जिम्नास्टिक, योग आसनों में रुचि रखने वाला होता है। वह आपोजिट, विशेेकर फीमेल की कम्पनी पसंद करने वाला होता है। 

नक्षत्र 
रेवती नक्षत्र के स्वामी बुध हैं। यह नक्षत्र पंचक तथा स्त्री संज्ञक, सात्विक तथा गंड मूल कारक है। रेवती नक्षत्र के चतुर्थ चरण में यदि बालक का जन्म हो तो वह दोनों माता-पिता के लिए अरिष्टकारक माना जाता है। जन्म के 27 दिन के आसपास जब रेवती नक्षत्र पुन: आए तो उस दिन उसकी पूजा शांति कराने का विधान है। भाग्योदय काल 28 से 32 वर्ष की आयु के बीच होता है।

योग
साध्य योग की स्वामी सावित्री हैं। इस योग में जन्मा बच्चा धार्मिक रीति-रिवाजों, परम्पराओं का जानकार, धर्म-परायणी, धार्मिक, सामाजिक व जनहित के चल रहे प्रोग्रामों के साथ अटैच होने वाला, साधना, सत्संग में बैठने वाला, कथा सत्संग-प्रवचन सुनने में इंट्रैस्ट रखने वाला होता है। पीपल, वट, तुलसी, मैडिकेटिड पौधे लगाना प्रशस्त है।

करण
बालव करण के स्वामी ब्रह्मा हैं। इस करण में जन्मा बच्चा टीचिंग, कोचिंग, टैक्सट बुक्स राइटिंग, उनकी प्रिंटिग, पब्लिकेशन, एजुकेशनल, कंसल्टैंसी जैसे प्रोफैशंस में इंट्रैस्ट रखने वाला होता है। ब्रह्मा जी की पूजा-अर्चना करना तथा पीपल, ऐलोवेरा जैसे वृक्षों के पौधे लगाना कल्याणकारी रहता है। 

वार
रविवार के देवता अधिदेवता सूर्य व शिव हैं। इस वार में जन्मा बच्चा नेचर से कुछ गुस्सीला, शार्ट टैम्पर्ड, जल्द रिएक्ट करने वाला, बहुत हिम्मती, उत्साही, कर्मठ होता है। वह एग्रीकल्चरल प्रोडक्ट्स की ट्रेडिंग करने या स्टाक करने तथा सोना-चांदी इत्यादि वैल्यूएबल मैटल्स, मैडीसिन की सेल-परचेज जैसे प्रोफैशन में इंट्रैस्ट रखने वाला होता है। मौलश्री, अनार, जैसे वृक्षों के पौधे लगाना प्रशस्त है।

शुभ पंचांग
तारीख:
10 फरवरी, 2019
वार: रविवार
अयन: उत्तरायण 
विक्रमी सम्वत्: 2075
विक्रमी माघ प्रविष्टे: 28
राष्ट्रीय शक सम्वत्: 1940
शक माघ तारीख: 21
हिजरी साल:1440
महीना: जमादि उल्सानी, तारीख 4
पक्ष: माघ कृष्ण।


तिथि: पंचमी (बाद दोपहर 2.09 तक) तथा तदोपरांत तिथि षष्ठी।
नक्षत्र : रेवती (सायं 7.37 तक) तथा तदोपरांत नक्षत्र अश्विनी।
योग : साध्य (दोपहर 2.16 तक) तथा तदोपरांत योग शुभ।
करण: बालव (बाद दोपहर 2.09 तक) तथा तदोपरांत करण कौलव।
चंद्र राशि: मीन (सायं 7.37 तक) तथा तदोपरांत चंद्र राशि मेष।
सूर्योदय/सूर्यास्त:    प्रात: 7.18/सायं 6.06 (जालन्धर समय)
राहू काल: सायं 04.30 से 06.00 बजे तक।

आज पैदा होने वाले बच्चों का नामाक्षर तथा भविष्यफल
समय - प्रात: 6.34 से लेकर दोपहर 1.05 तक
नामाक्षर- 
यह बच्चा टीचिंग, कोचिंग, एजुकेशनल कंसल्टैंसी के प्रोफैशन में इंट्रैस्ट रखने वाला होता है। रिलीजियस तथा स्प्रिच्यूल लिटरेचर पढऩे की रुचि रखने तथा रिलीजियस परम्पराओं को मानने वाला होता है।

समय- दोपहर 1.06 से लेकर सायं 7.37 तक
नामाक्षर- ची
यह बच्चा फ्रैंड्स तथा फैमिली को इम्पोर्टैंस देने तथा उनके साथ अच्छी अटैचमैंट रखने, रेडियो, टी.वी., फिल्म मेकिंग, एडीटिंग जैसे प्रोफैशंस में इंट्रैस्ट रखने वाला होता है।

समय - सायं 7.38 से लेकर 10-11 मध्य रात 2.01 तक
नामाक्षर-    चू
यह बच्चा आर्टिस्टिक टेस्ट नेचर वाला, सजने- संवरने, डिजाइनर, कलर्ड कपड़े पहनने का शौक रखने वाला होता है। गुड लुकिंग तथा प्लीजिंग, पर्सनैलिटी वाला होता है।  

समय - 10-11 मध्य रात 2.02 से लेकर अगले दिन (11 फरवरी) प्रात: 8.25 तक
नामाक्षर- चे
यह बच्चा लिटररी टेस्ट वाला, कुछ लिखने-पढऩे, स्टडी, एडिटिंग, बुक्स राइटिंग जैसे कामों में इंट्रैस्ट रखने वाला होता है। वह कुछ सैल्फ रिस्पैक्गटिंग नेचर वाला भी होता है।

दिशा शूल
पश्चिम एवं नैर्ऋत्य दिशा के लिए। इस दिशा की यात्रा न करें।

पंचक काल
सायं 7.37 तक पंचक रहेगी।

स्पैशल पर्व-दिवस
वसंत पंचमी (उत्तर पूर्वी भारत),  सरस्वती पूजन। पशु मेला (नागौर, राजस्थान)।

गंड मूल काल
सायं 7.37 तक जन्मे बच्चे  को रेवती नक्षत्र की तथा उसके उपरांत अश्विनी नक्षत्र की पूजा लगेगी।

सूर्योदय कालीन कुंडली
सूर्य       मकर में
चंद्रमा    मीन  में
मंगल    मेष में
बुध       कुंभ में
गुरु       वृश्चिक में
शुक्र      धनु में
शनि      धनु में
राहू        कर्क में
केतु       मकर में

कुंभ के बारे में कितना जानते हैं आप !

Niyati Bhandari

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