आज तक कोई नही सुलझा पाया पंपावती मंदिर के रहस्य की गुत्थी!

Saturday, Sep 04, 2021 - 11:41 AM (IST)

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जैसे कि लगभग लोग जानते हैं भारत एकमात्र ऐसा देश माना जाता है जहां पर अधिकतर रूप से धार्मिक व रहस्यमयी स्थल पाए जाते हैं। जिनमें से एक है धार्मिक व रहस्यमयो स्थल मौजूद है कर्नाटक के हम्पी में, जिसे विरुपाक्ष मंदिर के नाम से जाना जाता है। इस मंदिर की खास बात ये है कि इसे यूूनेस्को की विश्व विरासत स्थल की सूची में भी शामिल किया गया है। तो आइए जानते हैं इसके अलावा इस मंदिर की अन्य खास व रहस्यमयी बातें- 

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार प्राचीन समय में ये विष्णु भगवान का निवास स्थल था, परंतु उन्हें ये स्थल अपने रहने के लिए अधिक विशाल लगा, जिस कारण वे अपने क्षीरसागर लौट गए। बताया जाता है कि इस मंदिर का गोपुर लगभग 500 वर्ष पुराना है। 1509 ई. में राजा कृष्णदेव राय द्वारा यहां गोपुर का निर्माण करवाया गया था। बता दें मंदिर के भीतर अनेक प्रकार के छोटे-छोटे अन्य मंदिर है, जो बेहद प्राचीन है। इसके अतिरिक्त माना जाता है तुंगभद्रा नदी के दक्षिणी किनारे पर हेमकूट पहाड़ी की तलहटी पर बने इस मंदिर का गोपुरम लगभग 50 मीटर ऊंचा है।

प्रचलित मान्यताओं के अनुसार ये मंदिर शिवजी के रूप भगवान विरुपाक्ष और उनकी अर्धांगिनी देवी पंपा को समर्पित है, जिसके चलते इस मंदिर को पंपावती मंदिर के नााम से भी जाना जाता है। इस मंदिर सबसे रोचक बात ये है कि विरुपाक्ष मंदिर में कुछ ऐसे स्तंभ यानि खंभे हैं जिनमें से संगीत निकलता है। इसलिए इन्हें 'म्यूजिकल पिलर्स' कहा जाता है। 

कहा जाता है एक बार अंग्रेजों ने  इन स्तंभों से संगीत कैसे निकलता है, जानने के लिए उन्हें काटकर देखा, लेकिन अंदर का नजारा देखकर वो भी हैरान रह गए, क्योंकि अंदर तो कुछ था ही नहीं। स्तंभ बिलकुल खोखला व खाली थे। जिस कारण इस मंदिर को रहस्यमयी कहा जाता है, क्योंकि आज तक कोई इन खंभी के रहस्य को नहीं जान पाया है। 

इस मंदिर का एक बहुत बड़ा हिस्सा पानी के अंदर डूबा हुआ है, जहां कोई आता-जाता नहीं है। बताया जाता है बाहर के हिस्से के मुकाबले मंदिर के इस हिस्से का तापमान बहुत कम रहता है। तो वहीं मंदिर में स्थापित शिवलिंग की बात करें तो यहां का शिवलिंग दक्षिण की ओर झुका हुआ है। जिस कारण ये मंदिर अन्य शिवालयों मंदिर से अधिक खास माना जाता है।
 

Jyoti

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