धन वृद्धि हेतु करें पद्मावती प्रयोग, इसके लाभ का दावा करते हैं विद्वान

Wednesday, Aug 23, 2017 - 02:25 PM (IST)

ॐ नमो भगवती पद्मावत्यै ओं ह्रीं श्रीं पूर्वाय, दक्षिणाय पश्चिमाय उत्तराय अन्नपूर्णास्ति सर्वं मम वश्यं करोति स्वाहा।’


यह प्राकृत मंत्र है, यद्यपि संस्कृत में है फिर भी प्राकृत की श्रेणी में ही आता है, इसलिए इसके ऋषि, छंद, न्यास आदि नहीं हैं। इसे करने के लिए पुनश्चरण करने का निर्देश भी नहीं है।


विधि - प्रात:काल शय्या त्यागने के पश्चात हाथ में पीली सरसों लेकर इस मंत्र को 108 बार पढ़ें और इन सरसों के दानों को कमरे में, घर के आंगन आदि में चारों दिशाओं में बिखेर दें। कमरे का आशय उस कमरे से है जिसमें सोए थे और जहां यह प्रयोग किया गया था। इन सरसों के दानों का यह विचार न करें कि बाद में ये पैरों में आएंगे क्योंकि प्रयोग करने के बाद ये निर्माल्य की तरह हो जाते हैं। हां, इतनी अधिक मात्रा में न हों कि प्रत्येक व्यक्ति की दृष्टि में आते रहें। इस प्रयोग के लाभ का दावा कई मनीषियों ने किया है। 


ये उपाय भी आजमाएं
व्यापार में तेजी चाहते हैं तो शुक्रवार को 3 कंजको को मिठाई के साथ चांदी के सिक्के भेंट करें। 


आपका कारोबार मशीनी है तो औजार निर्माण के देवता विश्वकर्मा जी का चित्रपट कार्यस्थान पर लगाएं। अकसर मशीनों में खराबी रहती है तो पिसी काली हल्दी, केसर और गंगाजल को एकसार कर लें। बुधवार की सुबह प्रत्येक मशीन पर स्वस्तिक का चिह्न बनाएं।
 

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