पद्मपुराण: नहीं चाहते निज़ी रिश्तों को खराब करना तो आज ही इन कामों से बना लें दूरी

Wednesday, Jun 12, 2019 - 12:54 PM (IST)

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हिंदू धर्म में ऐसे बहुत से शास्त्र हैं जो हमें देवी-देवताओं के बारे में तो बताते ही हैं साथ ही ऐसी बहुत सी बातों से अवगत करवाते हैं जिससे मानव जीवन के कई लाभ और हानि जुड़े होते हैं। आज हम पद्मपुराण में वर्णित ऐसी ही कुछ बातों के बारे में जानेंगे जिन्हें जानना आपके लिए लाभदायक होगा। हिंदू धर्म के समस्त पुराणों और शास्त्रों की तरह पद्मपुराण को भी बहुत अहम ग्रंथ माना जाता है। इसके अधिष्ठापित देव श्री हरि विष्ण हैं और इसके रचयिता महर्षि वेदव्यास हैं। इसमें मनुष्य से संबंधित 5 ऐसे कामों के बारे में बताया गया है जिन्हें करने से उन्हें जीवन में बहुत सी कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है। इसलिए इसमें हिदायत दी गई है कि हर व्यक्ति को इनसे जितनी हो सके दूरी बनाकर रखनी चाहिए। तो आइए जानते हैं कौन से हैं ये 5 काम-
अक्सर आप सब ने देखा होगा कुछ लोग दूसरों के आपसी विवाद की सुलझाते-सुलझाते खुद उनके विवाद का एक हिस्सा बन जाते हैं। जिसका उन्हें कई बार बहुत बुरा अंजाम भुगतना पड़ता है। इसलिए पद्मपुराण में कहा गया है कि दूसरों के विवाद में ज़्यादा दखलंदाज़ी नहीं करनी चाहिए। जब तब कोई खुद किसी मुद्दे पर सलाह न मांगे तक बिना बात की सलाह नहीं देनी चाहिए। ऐसा करने पर आप खुद के लिए परेशानी मोल लेते हैं और अनजाने में आपके अपनों से दूरी पैदा कर लेते हैं।

कहते हैं बिना वजह किसी पर गुस्सा नहीं करना चाहिए। माना जाता है इंसान की ये आदत दुश्मनों की संख्या को बढ़ाती है। और ज़ाहिर सी बात है दुश्मनों की संख्या बढ़ने पर दुख और परेशानियों भी बढ़ती हैं, जिस के चलते जीवन में बहुत सी कठिनाईयों का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए हमेशा इस बात का ध्यान रखें कि बिना वजह किसी पर भी गुस्सा न करें। इससे आपके अपने निज़ी रिश्ते ख़राब हो सकते हैं।

किसी की पीठ पीछे बुराई करने की आदत भी इस ग्रंथ के अनुसार अच्छी नहीं। बल्कि इस आदत को किसी भी ग्रंथ में अच्छा नहीं बताय गया। पीठ पीछे बुराई करने वाले लोगों का मकसद दूसरों को नीचा दिखाना होता है। कहा जाता है कि ऐसे लोगों की यही आदत उनकी बर्बादी का मुख्य कारण बनती है। इसलिए ऐसा करने से बचना चाहिए अन्यथा यह विवाद को जन्म देती हैं।

हर किसी को कोई न कोई बुरी आदत तो होती है लेकिन आपको बता दें कि हमारे बुरी आदतें भी हमारी ज्यादातर परेशानियां का कारण होती हैं। कहने का भाव है कि हमारी बुरी आदतों का असर हमारे साथ-साथ हमारे जीवन पर भी पड़ता है। इसलिए कहा गया है व्यक्ति को ऐसी संगति में आने से बचना चाहिए जहां लोगों को बुरी आदते होती हों। क्योंकि ऐसे लोगों के बीच रहकर हम परेशानियों को खुद निमंत्रण देते हैं। 

इन सबके अलावा हर किसी को चाहिए कि वो कुछ भी बोलने से पहले अच्छे से सोच-विचार कर लें। उन्हें कोई ऐसी बात नहीं बोलनी चाहिए जिससे दूसरों को ठेस पहुंचे। कहा जाता है कि हम अपनी बुरी बातों और बुरे आचरण से हर किसी को अपना शत्रु बना लेते हैं, इसलिए किसी भी बात को बोलने से पहले थोड़ा सोच-विचार कर लेना चाहिए और इस बात का खास ध्यान रखें चाहिए कि आपकी बातों से किसी का मन  नहीं दुखे।

 

Jyoti

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