परिवर्तिनी एकादशी व्रत 2 सितम्बर, वैष्णव करेंगे विजया महाद्वादशी व्रत 3 को

Friday, Sep 01, 2017 - 11:52 AM (IST)

परिवर्तिनी एकादशी व्रत 2 सितम्बर को है। इस एकादशी को वामन एकादशी भी कहा जाता है। शास्‍त्रों के अनुसार इस दिन देवी-देवता भी व्रत करते हैं। आजकल चतुर्मास चल रहा है। भगवान व‌िष्‍णु को शयन करते 2 माह का समय पूर्ण हो गया है, आज के दिन वो करवट बदलते हैं। चतुर्मास में पड़ने वाली इस एकादशी का महत्व अत्यधिक है। भाद्र मास में शुक्ल पक्ष को पड़ने वाली इस एकादशी को भगवान विष्णु के साथ उनकी अर्धांगिनी देवी लक्ष्मी का पूजन करने से धन और सुख से घर-संसार भर जाता है। मरणोपरांत भी इस एकादशी के पुण्य से उत्तम स्थान की प्राप्ति होती है।


क्या कहते हैं विद्वान?
अमित चड्डा का कहना है कि एकादशी के दिन भगवान सांयकाल के समय करवट बदलते हैं इसी कारण प्रभु का महोत्सव शाम को करना चाहिए। इस बार वैष्णव भक्त 3 सितम्बर को विजया महाद्वादशी का व्रत करेंगे और व्रत का पारण अगले दिन यानि 4 सितम्बर को प्रात:11.40 के बाद होगा। उन्होंने कहा कि शास्त्रानुसार श्रवण, कीर्तन, स्मरण, पाद सेवन, अर्चन, वन्दन, दास्यभाव, सखाभाव व आत्म निवेदन आदि भक्ति के 9 अंग हैं परंतु सभी में नाम संकीर्तन करना सर्वश्रेष्ठ है, इसलिए रात को प्रभु के नाम का संकीर्तन अवश्य करना चाहिए।


महाद्वादशी व्रत की महिमा
वैसे तो हर मास में दो-दो एकादशियां आती है और सभी भक्त एकादशी व्रत का पालन करके भगवान को प्रसन्न करते हैं परंतु ब्रह्मवैवर्त पुराण के अनुसार आठ महाद्वादशियों के व्रत का भी पालन करना चाहिए। गौड़ीय वैष्णव भक्त एकादशियों की बजाए आठ महाद्वादशी व्रतों का भी पालन करते हैं, जो हर साल 4 तिथियोग और 4 नक्षत्र योग के अनुसार घटित होती हैं और यह सभी महा द्वादशियां सभी प्रकार के पापों और पातकों को हरने वाली और सभी सुखों को देने वाली हैं। इस बार यह द्वादशी, वामन जयंती श्रवण एवं विजया द्वादशी के रुप में मनाई जा रही है। कौन सी हैं 8 महा द्वादशियां?
उन्मीलनी
व्यंजुली 
त्रिस्पर्शा
पक्षवर्धिनी
जया
विजया
जयंती
पापनाशिनी द्वादशी।


वीना जोशी
veenajoshi23@gmail.com

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