Out House बनवाने से एक बार ज़रूर पढ़ लें, वरना होगा नुकसान ही नुकसान

Friday, Nov 08, 2019 - 02:04 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
अक्सर आप ने अपने जीवन में कुछ ऐसे लोगों को देखा होगा जो मेहनत को बहुत करते हैं परंतु वो सब हासिल नहीं कर पाते जिसकी उन्हें कामना होती है। हो सकता है आप खुद इन लोगों को गिनती में शामिल हो और हर वक्त इसका कारण तलाशने में लगे रहते हैं। परंतु अभी तक इसका जवाब खोज नहीं पाए तो आपको बता दें कई बार या लगभग इसका जिम्मेदार वास्तु होता है। जी हां, दरअसल ये वास्तु ही होता है जिस कारण हमे अपने जीवन में असफलता का सामना करना पड़ता है। तो अगक आपके साथ भी ऐसा कुछ है सबसे पहले आपको वास्तु विज्ञानी के पास जाकर इस बात का पता लगाना होगा कि क्या आपके आपके आस-पास का वातावरण वास्तु दोष से प्रभावित है। अगर हां तो आपको इससे बचने के लिए क्या उपाय करने चाहिए। परंतु अब आप में से कुछ लोगों के दिमाग में यहबात आई होगी कि अगर ज्योतिष उपाय मंहगे हो और उन्हें करने की क्षमता न हो तो क्या किया जाए। आपकी इस परेशानी का हल भी हम अपने साथ लाएं। अगर ऐसा हो तो आपको ज्यादा कुछ नहीं बस हमारी वेबसाइट पर आकर वास्तु का सेक्शन खोलकर पढ़ना होगा। जिसके बाद आप खुद समझ जाएंगे कि आपकी समस्याओं का हल कैसे निकेलगा।

तो आइए जानते हैं वास्तु में बताई गई आउट हाउस से जुड़ी खास बातें-
सबसे पहले बता दें बड़े भूखंड में कंपाउंड वॉल और भवन के बीच की जगह में जो गैराज या सर्वेंट रूम बनाए जाते हैं, उन्हें आउट हाउस कहा जाता है। वास्तु के अनुसार घर में आउट हाउस बनाते समय दिशाओं का ध्यान रखना बहुत ज़रूरी होता है।

अगर घर पूर्व या उत्तर मुखी है तो ऐसे में आउट हाउस प्लॉट के अग्नेय कोण या वायव्य कोण में बनवाना चाहिए।

इस बात का भी ध्यान रखें कि अगर मुख्य भवन और आउट हाउस के बीच दूरी कम है तो आउट हाउस का फ्लोर मुख्य भवन के फ्लोर से नीचा हो।

अगर आप आउट हाउस का निर्माण अग्नेय कोण में करवा रहे हैं तो इसका दरवाजा ईशान कोण की उत्तर दिशा में रखें और अगर वायव्य कोण में करवा रहे हों तो इसका दरवाजा ईशान कोण की पूर्व दिशा में रखें।

अगर आपका घर दक्षिण मुखी या पश्चिम मुखी है तो आउट हाउस का निर्माण नैऋत्य कोण में कराना उचित होगा है। मगर ऐसा करते समय इस बात का ध्यान रखें कि यह कंपाउंड वॉल से एकदम सटा हुआ रहे। साथ ही मुख्य भवन से इसकी कम से कम दूरी 4 फीट हो।

अगर घर के नैऋत्य कोण में आउट हाउस बनवा रहे हैं तो इस बात का ध्यान रखें कि इसके फ्लोर का लेवल घर के फ्लोर के लेवल के समान हो। साथ ही इसके मेन गेट भी ईशान कोण की पूर्व दिशा या ईशान कोण की उत्तर दिशा में ही हो।

Jyoti

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