1932 के बाद पहली बार हज यात्रा पर लगा प्रतिबंध, अन्य देशों के लोगों को नहीं आने की अनुमति

Wednesday, Jun 24, 2020 - 05:12 PM (IST)

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अब तक कोरोना के चलते देश-दुनिया में ऐसे बहुत से बदलाव हो चुके हैं। अब खबर आई है सऊदी अरब से। जी हां, इस्लाम धर्म की प्रमुख यात्राओं में सबसे मुख्य मानी जाने वाली हज यात्रा को लेकर सऊदी सरकार बड़ा फैसला लिया है, जिसके अनुसार इस साल हज यात्रा में अन्य देशों के लोग हिस्सा नहीं ले पाएंगे। बल्कि केवल सीमित संख्या में लोगों को यात्रा की अनुमति मिलेगा। जिनमें केवल सऊदी के लोग ही शामिल होंगे।

प्राप्त जानकारी के अनुसार अगले महीने से हज यात्रा शुरु होने वाली है। प्रत्येक वर्ष यहां दुनिया भर के अन्य मुल्कों से लाखों लोग आते हैं। मगर इस बार कोरोना वायरस के चलते ऐसा हो पाना संभव नहीं है। बताया जा रहा है 1932 के बाद ये पहला मौका होगा जब इस तरीके से हज यात्रा पर प्रतिबंध लगाया गया है। इससे पहले युद्ध और छुआछूत जैसी बीमारियों के चलते यात्रा पर रोक लगाई गई थी।

हालांकि बता दें इस बार सऊदी सरकार के मुताबिक यात्रा पूरी तरह प्रतिबंधित नहीं की गई है, केवल  यात्रियों की संख्या कम की गई है। बताते चलें कि हज यात्रा के लिए कई महीने पहले से ही रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया शुरू हो जाती है। जो इस साल भी शुरू हो चुकी थी, लेकिन सऊदी सरकार के फैसले के बाद इस पर रोक लगा दी गई है।

पिछले साल 25 लाख तीर्थयात्री पहुंचे थे:
बता दें सऊदी सरकार के मुताबिक पिछले साल 24.9 लाख तीर्थयात्रियों ने हज यात्रा की थी, जिसमें से 18.6 लाख तीर्थयात्री सऊदी अरब से बाहर के देशों के थे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक हज यात्रा और उमरा से सऊदी अरब हर साल करीब 12 सौ करोड़ डॉलर कमाई करता है, हालांकि इस बार उसे नुकसान उठाना पड़ेगा।

जायरीनों का पैसा होगा वापस:
हज यात्रा के लिए भारत का कोटा 2 लाख है। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो इस बार भी हज यात्रा के लिए भारत से दो लाख से ज्यादा लोगों ने पंजीकरण किया था। अब सऊदी सरकार के फैसले के बाद यात्रा के लिए पंजीकृत सभी जायरीनों का पैसा उनके अकाउंट में रिफंड कर दिया जाएगा। बता दें यह जानकारी केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने दी है।

Jyoti

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