बुधवार कोे क‌िन्नर द‌िखे तो अवश्य करें ये काम, हो जाएंगे वारे-न्यारे

Wednesday, Feb 08, 2017 - 09:03 AM (IST)

सृष्‍ट‌ि की संरचना जगत पिता ब्रह्मा जी ने की है लेकिन मान्यता के अनुसार क‌िन्नरों की उत्पति का श्रेय भगवान श‌िव को जाता है। श‌िव पुराण में बताया गया है, जब ब्रह्मा जी ने अपनी योग शक्त‌ि से पुरुषों की उत्पत्ति करनी आरंभ करी, तो उसे बहुत वक्त लग रहा था। ब्रह्मा जी की प्रार्थना पर भगवान श‌िव ने अपनी काया के आधे भाग से नारी का सृजन किया और अर्धनारीश्वर रूप में प्रकट हुए। उनका यह स्वरूप न तो पूर्ण रूप से महिला का था और न ही पुरुष का, स्‍त्री रूप के सृजन के साथ क‌िन्नर की भी पर‌िकल्पना हुई। जब से मृत्युलोक होंद में आया तभी से क‌िन्नर भी आए। इसकी पुष्टि  पुराणों और पौराण‌िक कथाओं में भी होती है। क‌िन्नर समाज का तीसरा वर्ग कहलाते हैं।


ज्योत‌िषशास्‍त्री मानते हैं की बुध ग्रह नपुंसक है, क‌िन्नरों में इसका वास माना गया है। बुध ग्रह की शुभता चाहते हैं तो क‌िन्नरों को प्रसन्न करें। बुध ग्रह जीवन के बहुत से पहलुओं पर अपना वर्चस्व रखता है जैसे व्यापार, बुद्ध‌ि, सेक्स लाइफ, त्वचा और धन।


इन क्षेत्रों में वारे-न्यारे चाहते हैं तो बुधवार को क‌िन्नर द‌िखें तो अवश्य करें ये काम 


किन्नर को धन दें, यदि वह आप पर प्रसन्न होकर खुद से आपको सिक्का या रूपए दे तो उसे मना न करें इसे अपने उज्जवल भाग्य का संकेत समझें और उसे लेकर अपने गल्ले, कैश बॉक्स या धन स्थान पर रख दें।


क‌िन्नरों को हरी चूड़‌ियां भेंट करने से बिजनैस में आने वाली बाधाओं और धन संबंधी परेशानियों से छुटकारा मिलता है।


क‌िन्नरों को हरे रंग के वस्‍त्र अथवा मेंहदी देने से शुभ फलदायी होता है।


भोजन करवाएं, अन्न-धन में वृद्धि होगी।

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